दिल्ली: बृजभूषण सिंह के खिलाफ आ गई फैसले की घड़ी, पुलिस ने दायर की ‘क्लोजर रिपोर्ट’

Wrestler Sexual Abuse Case: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान की यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार करने, या ना करने के बारे में दिल्ली की एक अदालत 25 नवंबर को अपना आदेश पारित करेगी। पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर पीड़िता ने कहा, “दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट हूं”।
शुक्रवार को पारित होना था आदेश
एडिशनल सेशन जज छवि कपूर द्वारा आदेश शुक्रवार को पारित करने का कार्यक्रम था। लेकिन उनके छुट्टी पर रहने के कारण विषय को स्थगित कर दिया गया। मामले में, सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि नाबालिग पहलवान ने एक अगस्त को न्यायाधीश के कक्ष में हुई कार्यवाही में कोर्ट से कहा था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और पुलिस द्वारा सौंपी गई ‘क्लोजर रिपोर्ट’ के खिलाफ नहीं है। बता दें, दिल्ली पुलिस ने 15 जून को अदालत में रिपोर्ट दाखिल कर नाबालिग पहलवान से जुड़े मामले को रद्द करने का अनुरोध किया था।
पीड़िता के पिता का दावा की थी झूठी शिकायत
बता दें, इस मामले में इससे पहले, पीड़िता के पिता ने जांच के बीच में यह दावा किया था कि उन्होंने अपनी बेटी के साथ हुए कथित अन्याय का बदला लेने के लिए बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत की थी। पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट हटाने की सिफारिश की थी। लेकिन छह महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक अलग मामले में उनपर यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाया था.
पुलिस ने की शिकायत रद्द करने की सिफारिश
पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को रद्द करने की सिफारिश की थी। उन्होंने तर्क दिया कि ‘कोई ठोस सबूत नहीं मिला है’। पॉक्सो कानून न्यूनतम तीन साल की कैद का प्रावधान करता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि अपराध किन धाराओं में दर्ज किया गया है। ‘क्लोजर रिपोर्ट’ के बाद, कोर्ट को यह फैसला लेना है कि इसे स्वीकार किया जाए, या आगे की जांच का आदेश दिया जाए।
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