Delhi NCRबड़ी ख़बरराजनीति

Democracy पर भारी Bureaucracy, दिल्ली सरकार की नहीं सुन रहे अधिकारी

Delhi: उत्तर भारत के पंजाब राज्य में लगातार पराली जलने की घटना और विभिन्न वजहों से देश की राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की जा रही है। एनजीटी भी इस विषय पर नजर बनाए हुए है। इस बीच दिल्ली सरकार में कार्यरत सीनियर आईएएस अधिकारी औक दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के चेयरपर्सन अश्वनी कुमार ने दिल्ली प्रदूषण को लेकर जारी रियल टाइम स्टडी पर रोक लगा दी है। अधिकारी द्वारा लिए गए इस फैसले पर दिल्ली सरकार में मंत्री आंतिशी मर्लेना ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अधिकारी पर आरोप लगाया है कि अश्वनी कुमार ने यह फैसला लेने से पहले दिल्ली सरकार में किसी को जानकारी नहीं दी।

Delhi: आईआईटी कानपुर का पेमेंट रोका गया

मंत्री आतिशी मर्लेना ने बताया कि दिल्ली सरकार को आईआईटी कानपुर से जानकारी मिली कि उनका पेमेंट रोक दिया गया है। उन्होंने कुछ दिनों पहले पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के कई अधिकारी पिछले दिनों प्रदूषण को लेकर बुलाई गई मीटिंग में नहीं आए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को लगता है कि वे चुनी हुई सरकार की बात मानें न मानें, उनका कुछ नहीं होगा। दिल्ली सरकार ने इस विषय को कोर्ट के सामने भी उठाया है।

रिएल टाइम स्टडी है जरूरी

मंत्री आतिशी मर्लेना का कहना है कि प्रदूषण के विरुद्ध दिल्ली सरकार पिछले आठ सालों से लड़ाई लड़ रही है। और कई रिपोर्ट ये इशारा कर रही है कि प्रदूषण में कमी दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास एक समस्या है कि उनके पास आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है। डाटा के माध्यम से यह पता चलता है कि किस कारण से कितना प्रदूषण होता है। मंत्री ने कहा कि इसी समस्या के समाधान के लिए सरकार ने निर्णय लिया था कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर रियल टाइम स्टडी किया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक की स्टडी में बहुत जरूरी जानकारी सामने आई हैं। इसी अध्ययन से पता चला कि सुरक्षा गार्ड जलाई जाने वाली अंगीठी भी सर्दियों में प्रदूषण का बड़ा फैक्टर है।

ऐन मौके पर रोक दी गई स्टडी

मंत्री ने कहा कि नवंबर 2022 में प्रदूषण को लेकर स्टडी के लिए सेटअप तैयार किया गया था। स्टडी शुरू भी हो गई। लेकिन जब दिल्ली में प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है और लोग परेशान हो रहे हैं तब ऐन मौके पर डीपीसीसी चेयरपर्सन अश्वनी कुमार ने स्टडी रोक दी। उन्होंने आईआईटी कानपुर से कह दिया कि 2 करोड़ रुपये का पेमेंट नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी के इस फैसले से दस करोड़ के उपकरण बेकार पड़ गए। मंत्री ने पूछा कि क्या अब आईएएस अधिकारी अश्वनी कुमार यह तय करेंगे कि आईआईटी की स्टडी होनी चाहिए या नहीं?

https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1717082949596660114

सिविल सेवा प्राधिकरण के सामने जाएगा मामला

मंत्री ने आरोप लगाया कि यह पहला अवसर नहीं है जब दिल्ली कैबिनेट का निर्णय रोका गया। उन्होंने कहा कि जब से दिल्ली सेवा बिल आया है तभी से सीनियर अधिकारी लगातार चुनी हुई सरकार के फैसले को रोक और पलट रहे हैं। बता दें कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारी अश्वनी कुमार के इस रुख पर नाराजगी जताते हुए उनके निलंबन की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अब यह मामला राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण में जाएगा। साथ ही डीपीसीसी के चेयरमैन को पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

ये भी पढ़ें- Eve Teasing In Dandiya Night: डांस करने से इनकार करने पर लफंगों ने की पिता की पिटाई, हुई मौत

Related Articles

Back to top button