
Freedom Fighter: दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में भारत सरकार पर 20 हजार रुपया का जुर्माना लगाया है। बता दें कोर्ट ने यह जुर्माना 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी को पेंशन के लिए 40 साल प्रतीक्षा कराने के लिए लगाया गया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने उत्तिम लाल सिंह के द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए राज्य के इस व्यवहार पर नाराजगी भी जताई है। इसके साथ ही कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि 6 हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता को भुगतान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने 1980 से स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन को 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज देने की भी बात कही है।
Freedom Fighter: 40 साल तक किया इंतजार
आपको बता दें कि देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान न्यौछावर कर देने वाले वीरों के सम्मान के लिए भारत सरकार द्वारा ‘स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन’ योजना की घोषणा की गई थी। न्यायमूर्ति प्रसाद ने 2 नवंबर को पारित निर्णय में कहा कि 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी को अपनी उचित पेंशन पाने के लिए परेशान किया गया है। उन्होंने कहा कि तत्काल रिट याचिका व्यक्ति की दुखद स्थिति को बताती है।
बिहार सरकार ने की थी सिफारिश
बेंच ने कहा कि बिहार सरकार ने याचिकाकर्ता के मामले की सिफारिश की है और इसके लिए मूल दस्तावेज भारत सरकार को भेजा गया हैं, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने खो दिया है। बेंच ने आगे ये भी कहा कि बिहार सरकार ने 14 जुलाई 2022 को याचिकाकर्ता के नाम को दुबारा से सत्यापित किया था। इसपर न्यायालय ने एतराज जताते हुए कहा, ‘जिस तरह से ये हुआ, वह दुखद है। स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया जा रहा है। उनके प्रति सरकार असंवेदनशीलता रवैया अपनाई है।
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