
Fire Safety: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि वह अग्नि सुरक्षा नियमों को जारी करने के लिए अपने द्वारा निर्धारित समय-सीमा का सख्ती से अनुपालन करे। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की बेंच ने पहले ऐसे सुरक्षा दिशानिर्देशों को लागू करने में देरी पर राज्य सरकार की खिंचाई की थी। शुक्रवार को, पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसा लग रहा है कि राज्य न्यायालय की निंदा के बाद ही इस मुद्दे पर जगा है।
Fire Safety: समयसीमा का किया जाए अनुपालन
कोर्ट ने कमेंट करते हुए कहा, “समिति की सिफारिशें फरवरी 2023 में आईं। समिति की सिफारिश के बाद, आपने एक भी कदम नहीं उठाया? कोर्ट के आदेश के बाद ही आप जागे हैं। आपने कुछ नहीं किया, क्या यह सही है?” अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने अदालत को बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया था कि अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देशों को लागू करने की समयसीमा का अनुपालन किया जाएगा।
Fire Safety: पीआईएल पर हुई थी सुनवाई
बेंच ने जवाब दिया, “यदि आपने पहले ऐसा किया होता, तो विनियमन अब तक प्रकाशित हो गया होता।” न्यायालय 2019 में अधिवक्ता आभा सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मानव निर्मित आपदाओं के प्रति संवेदनशील इमारतों में अग्नि सुरक्षा के लिए 2009 में सुझाए गए मसौदा नियमों और विनियमों को लागू करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने शुक्रवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को शहर की इमारतों में अचानक लगने वाली आग से निपटने के लिए किए गए उपायों का विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
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