Baghpat: दहेज हत्याकांड में ससुरालियों को 16 वर्ष का कारावास और 30 हजार रुपए का लगाया गया अर्थ दंड

Baghpat: दहेज की मांग को लेकर विवाहिता को फांसी लगाकर मारने वाले ससुरालयों को आज जिला एवं सत्र न्यायालय में सत्र न्यायाधीश संजीव पांडे की अदालत ने सुनाई सजा, 16 वर्षों का कठिन कारावास और सभी अभियुक्तों पर तीस-तीस हजार रुपए का लगाया अर्थदंड।
विवाहिता को फांसी देकर मारने वालों को न्यायालय ने सुनाई सजा
फांसी पर लटका कर विवाहिता की हत्या करने वाले आरोपियों को अदालत द्वारा सजा सुनाई जाने के बाद मृतक नव विवाहिता के परिजनों को आखिर 8 साल बाद न्याय मिल ही गया। उन्होंने न्यायपालिका का धन्यवाद करते हुए कहा कि, उन्हें माननीय न्यायालय पर पूर्ण विश्वास था। न्यायालय ने ससुराल पक्ष के पति, ससुर और सास पर दोष सिद्ध होने के बाद जहां उन्हें 16 वर्षों के कठिन कारावास की सजा सुनाई है, वहीं उन पर तीस तीस हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है।
दरअसल आपको बता दे कि पूरा मामला बागपत (Baghpat) कोतवाली क्षेत्र के निवाड़ा गांव का था। जहां ससुराल पक्ष के पति मुजम्मिल, ससुर तौफीक और सास प्रवीण ने शादी के सात दिन बीतने के बाद ही उसकी फांसी लगाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। आपको बता दे कि मुजफ्फरनगर जनपद के झोला गांव निवासी सायरा की शादी बागपत (Baghpat) कोतवाली क्षेत्र के निवाड़ा गांव में हुई थी। शादी के सात दिन बाद ही 3 अप्रैल 2016 को ससुराल पक्ष के मुजम्मिल, ससुर तौफीक और सास प्रवीण ने नव विवाहिता की फांसी पर लटका कर हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया था।
16 वर्ष का कठोर कारावास और तीस तीस हजार रुपए का लगाया अर्थ दंड
इसके बाद मर्तक के भाई ने बागपत कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। 8 साल तक चले मुकदमे में न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त को दोषी मानते हुए 16 वर्षों का कठिन करवास और तीस तीस हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। मृतक नव विवाहिता के भाई ने सत्र न्यायाधीश का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया, और कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा विश्वास था। 8 साल बाद ही सही आखिर उसे न्याय मिल गया है।
(बागपत से कुलदीप पंडित की रिपोर्ट)
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