Bihar Election Result : बिहार चुनाव नतीजों ने पूरे देश की सियासत में एक नया तूफ़ान खड़ा कर दिया है. एनडीए की बेमिसाल जीत ने विपक्ष के कई नेताओं को अंदर तक हिला दिया है. नतीजे आते ही जहां कई दल EVM और सिस्टम पर सवाल उठाने लगे, वहीं अखिलेश यादव का बयान सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा. उन्होंने बिहार के जनादेश को “SIR और चुनाव आयोग का परिणाम” बता दिया. बस फिर क्या था AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस बयान पर भड़क उठे और उन्होंने अखिलेश यादव को खुलकर खरी-खोटी सुना दी.
“यह बिहार की जनता का फैसला है”- ओवैसी का कड़ा जवाब
ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अखिलेश यादव का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा –
“यह कहना कि बिहार SIR की वजह से हार हुई, बिल्कुल गलत है. यह बिहार की अवाम का फैसला है. हमने भी NDA की जीत नहीं चाही थी, लेकिन जो जनादेश आया है उसे इज़्ज़त से स्वीकार करना चाहिए.”
ओवैसी का कहना था कि विपक्ष तैयार ही नहीं था, जबकि AIMIM ने अपनी ओर से पूरा दम लगाया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जनादेश को मशीनों या बहानों के हवाले कर देना लोकतांत्रिक सोच नहीं कहलाती.
“मुझे उम्मीद नहीं थी 200 सीटें आएंगी”- ओवैसी का बड़ा स्वीकार
ओवैसी ने surprisingly यह भी कहा कि उन्हें अंदाज़ा था कि NDA आगे रहेगा, लेकिन 200 सीटें छू लेगा—यह उम्मीद नहीं थी.
उन्होंने कहा –
“मैं बड़ा नेता नहीं हूं, मगर हवा का रुख साफ़ दिख रहा था. अब महागठबंधन को सोचना होगा कि आखिर गलती कहां हुई.”
नीतीश कुमार को बधाई और सहयोग का भरोसा
ओवैसी ने नीतीश कुमार को जीत की बधाई देते हुए कहा कि अगर नई सरकार वाकई सीमांचल और पिछड़े इलाकों के विकास को लेकर गंभीर है, तो AIMIM रचनात्मक तरीके से उनका सहयोग करेगी.
उन्होंने कहा –
“सीमांचल में इंसाफ़ होना चाहिए. अगर सरकार सच्चे इरादे से काम करेगी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे.”
नतीजों से उठा सियासी तूफान
NDA को 202 सीटें, जबकि पूरा महागठबंधन 35 सीटों में सिमट गया. यह आंकड़ा ही विपक्ष में बेचैनी का सबसे बड़ा कारण है. अखिलेश के बयान ने इस बेचैनी को और उजागर कर दिया, और ओवैसी के जवाब ने इस बहस को और तेज़ कर दिया है.
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