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अमन अरोड़ा ने केंद्र पर लगाया रोजगार की गारंटी से भागने का आरोप, कहा-  पंजाब के लोगों के साथ धोखा नहीं होने देंगे

Chandigarh : भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा स्कीम को खत्म करके नई कथित स्कीम के जरिए गरीबों को गुमराह करने के निराशाजनक कदम पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा ने विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), वीबी-जी राम जी को केंद्र सरकार की सोची-समझी चाल बताया ताकि गरीबों को रोजगार की गारंटी देने से भागा जा सके।

‘विकसित भारत-जी राम जी’ योजना को चुनौती

16वीं पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान वीबी- जी राम जी पर लाए गए सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमन अरोड़ा ने इस नई योजना को चुनौती देते हुए कहा, “उनके द्वारा पंजाब में ‘औसत’ 26 दिन रोजगार दिए जाने के बारे में कहा जा रहा है। अगर हम इस संदिग्ध औसत को मान भी लें तो मेरा सवाल यह है कि फिर नई स्कीम के तहत रोजगार को 100 से 125 दिनों तक बढ़ाने का क्या मकसद है? यह लोगों को मूर्ख बनाने के अलावा कुछ नहीं है। अगर किसी मगनरेगा मजदूर को 6-8 महीनों के लिए मजदूरी नहीं मिलेगी, तो क्या वह काम पर आएगा? भले पंचायतें प्रोजेक्ट शुरू करना भी चाहें, अगर केंद्र से फंड जारी नहीं किए जाते तो वे भुगतान कैसे करेंगे? केंद्र द्वारा इस योजना को खुद खत्म किया गया है।’’

गारंटीशुदा रोजगार स्कीम की रूह खत्म – अरोड़ा

अरोड़ा ने कहा कि पहले मगनरेगा मांग-आधारित थी और मजदूरों की जरूरत के अनुसार उन्हें काम की गारंटी दी जाती थी। अब इसे सप्लाई-आधारित बना दिया गया है। दिल्ली में बैठकर केंद्र यह फैसला करेगा कि किस राज्य, जिले, ब्लॉक और गांव को काम मिलेगा। उन्होंने गारंटीशुदा रोजगार स्कीम की रूह खत्म कर दी है।

125 दिन रोजगार के लिए 6.70 लाख करोड़ रुपये की मांग

भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा के सामने हैरानीजनक आंकड़े रखते हुए अरोड़ा ने कहा कि सिर्फ पंजाब में, हमारे पास लगभग 30.20 लाख जॉब कार्ड धारक हैं। अगर आप उन्हें 346 रुपये प्रति दिन की मजदूरी के हिसाब से 125 दिन काम देने का वादा करते हैं, तो इसके लिए 13,062 करोड़ रुपये से अधिक बजट की जरूरत है। देश भर में 15.5 करोड़ जॉब कार्ड धारकों को 346 रुपये प्रति दिन पर 125 दिनों के काम की गारंटी देने के लिए 6.70 लाख करोड़ रुपये चाहिए जो देश के कुल रक्षा बजट के बराबर बनेगा। अगर केंद्र सरकार आगामी बजट में यह रकम देने का वादा करती है, तभी हम उनकी रोजगार गारंटी पर विश्वास कर सकते हैं। नहीं तो, यह गरीबों के साथ एक बेरहम धोखा है।

अमन अरोड़ा का विपक्ष पर आरोप

मगनरेगा में भ्रष्टाचार के आरोपों पर विपक्ष को घेरते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि ये घोटाले अकाली-भाजपा और कांग्रेस के शासनकाल के दौरान हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने पैसों की हेराफेरी की, मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने जनता से लूटे गए 2 करोड़ रुपये रिकवर किए हैं और 42 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।

‘आप’ सरकार ने 5,131 करोड़ रुपये गरीबों तक पहुंचाए – अरोड़ा

आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए अरोड़ा ने बताया कि 2005 से पंजाब को मगनरेगा के तहत 11,700 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। अकाली-भाजपा गठजोड़ (2007-2017) के 10 सालों के शासन दौरान, पंजाब में इस योजना के तहत सिर्फ 1988 करोड़ रुपये खर्च हुए थे और कांग्रेस के 5 सालों (2017-2022) में मगनरेगा के तहत 4708 करोड़ रुपये ही इस्तेमाल किए गए थे। इसके उलट मुख्यमंत्री मान की अगुवाई वाली ‘आप’ सरकार के सिर्फ साढ़े तीन सालों के शासनकाल में 5,131 करोड़ रुपये गरीबों के घरों तक पहुंचाने सुनिश्चित बनाए गए हैं, हालांकि केंद्र ने इस योजना के तहत कई महीनों तक फंड भी रोके रखे थे।

पिछली सरकारों के दौरान मुक्तसर, गिद्दड़बाहा, अबोहर और फाजिल्का, जो कांग्रेस के प्रदेश प्रधान और पूर्व मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील कुमार जाखड़ के गढ़ हैं, में हुए मगनरेगा घोटालों की जांच के लिए मुख्यमंत्री को अपील करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के अपने नेता घोटालों में शामिल थे। अब वे मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं, लेकिन हम उन्हें पंजाब के लोगों को गुमराह नहीं करने देंगे।

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