Madhya Pradeshराज्य

गणेश महोत्सव में अश्लीलता का तड़का, MP में सांस्कृतिक कार्यक्रम बना विवाद का कारण

हाइलाइट्स :-

  • करैरा में गणेश उत्सव पर अश्लील डांस हुआ.
  • डांसरों के वीडियो हुए वायरल.
  • मंच पर पार्षद और नेता भी मौजूद थे.
  • नगर परिषद ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा.
  • लोगों में नाराजगी, विरोध बढ़ा.

MP Vulgar Dance : मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा नगर में शुक्रवार रात आयोजित गणेश महोत्सव के कार्यक्रम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. मुख्य चौराहे पर पुलिस सहायता केंद्र के पास बने मंच से सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान ऐसा माहौल बन गया, जिसने धार्मिक आयोजन की गरिमा को ठेस पहुंचाई. नगर परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में भक्ति और संस्कृति के नाम पर अश्लीलता परोसी गई, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं.

फिल्मी गानों पर डांसरों के ठुमकों से भड़के लोग

हर वर्ष की तरह इस बार भी गणेश विसर्जन और चल समारोह के दौरान नगर परिषद करैरा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी. इस आयोजन के लिए बाहरी डांस मंडली को बुलाया गया था. शुरुआत में कार्यक्रम धार्मिक भजनों से शुरू हुआ, लेकिन थोड़ी ही देर में माहौल पूरी तरह बदल गया. मंच पर डांसरों ने तेज फिल्मी गानों पर नाचना शुरू कर दिया, जो दर्शकों के बीच बैठे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला था.

मंच पर मौजूद थे नगर परिषद अध्यक्ष के पति और पार्षद

कार्यक्रम के दौरान मंच पर नगर परिषद अध्यक्ष शारदा रावत के पति रामस्वरूप रावत सहित कई पार्षद और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे. वे न केवल कार्यक्रम देख रहे थे, बल्कि डांस के दौरान हंसी-ठिठोली और तालियों के साथ उसका आनंद भी ले रहे थे. वहीं, मंच के नीचे भारी संख्या में नगरवासी मौजूद थे, जिनमें से कई ने इस दृश्य के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए. इसके बाद वीडियो तेजी से वायरल होने लगे और नगर परिषद की आलोचना शुरू हो गई.

विवाद बढ़ा तो नगर परिषद ने झाड़ा पल्ला

वीडियो वायरल होते ही नगर परिषद के अधिकारी और जिम्मेदारों ने कार्यक्रम से अपना पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि यह कार्यक्रम नगर परिषद से जुड़ा हुआ नहीं था. हालांकि, मंच पर लगे बैनर में साफ तौर पर ‘निवेदक – नगर परिषद करैरा एवं समस्त पार्षद’ लिखा गया था, जो इस दावे को झूठा साबित करता है.

फोन बंद, कोई जवाब नहीं

जब इस विवाद पर नगर परिषद अध्यक्ष शारदा रावत से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो दिनभर उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो सका, क्योंकि फोन स्विच ऑफ था. ऐसे में लोगों के गुस्से और सवालों का जवाब देने वाला कोई सामने नहीं आया.

15 वर्षों बाद हुआ आयोजन, और मिला विवाद

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम पहले करीब 15 साल पहले तक आयोजित होते थे, लेकिन फिर बंद हो गए थे. इस बार वर्षों बाद ऐसा आयोजन दोबारा शुरू हुआ, मगर जिस तरह की प्रस्तुति मंच से दी गई, उसने धार्मिक आयोजन को शर्मसार कर दिया. लोगों का कहना है कि यह भक्ति नहीं, बल्कि सार्वजनिक मंच से फूहड़ता का प्रदर्शन था.

गणेश महोत्सव जैसे धार्मिक आयोजन में इस तरह के घटनाक्रम ने पूरे शहर को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जहां एक ओर लोग श्रद्धा के साथ उत्सव मनाना चाहते हैं, वहीं मंच से परोसी गई अश्लीलता ने पूरे कार्यक्रम को विवादों में ला दिया. जनता अब जिम्मेदारों से जवाब चाहती है कि धार्मिक आयोजनों को इस स्तर तक गिरने क्यों दिया गया.


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