
फटाफट पढ़ें
- प्रियंका चतुर्वेदी का अनिरुद्धाचार्य के बयान पर विरोध
- बयान को शर्मनाक बताया
- महिलाओं के सम्मान का उदाहरण प्रेमानंद जी
- महिलाओं से विरोध जताने की अपील
- सोशल मीडिया पर माफी की मांग
Aniruddhacharya Controversy : प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रेमानंद जी महाराज का हवाला देते हुए कहा कि सच्चे गुरु वही होते हैं जो महिलाओं को सम्मान देते हैं. उन्होंने अनिरुद्धाचार्य के बयान को शर्मनाक बताया है.
महिलाओं को लेकर आध्यात्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य के कथित आपत्तिजनक बयान पर राजनीतिक विरोध तेज हो गया है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने न केवल इस बयान की कड़ी आलोचना की, बल्कि इसे पूरी तरह निंदनीय और शर्मनाक बताया.
प्रियंका चतुर्वेदी का अनिरुद्धाचार्य के बयान पर विरोध
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, आप स्वयं को आचार्य और गुरुजी मानते हैं, और लाखों की संख्या में लोग आपसे मिलने आते हैं. ऐसे में यदि आप महिलाओं के प्रति इस प्रकार की बातें करते हैं, तो यह अत्यंत निंदनीय है. कुछ गुरु वास्तव में महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं. मैंने स्वयं प्रेमानंद जी महाराज के अनेक प्रवचन सुने हैं. वह हमेशा महिलाओं को सम्मान देते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने की बात करते हैं.
महिलाओं से विरोध जताने की अपील
उन्होंने कहा, महिलाओं के लिए ऐसी अभद्र भाषा का उपयोग करना बहुत ही शर्मनाक है. इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. मैं चाहती हूं कि देश की हर महिला इस पर एक वीडियो बनाकर अपनी आवाज उठाए, और उन्हें भी इस मंच पर बुलाया जाए.
इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही
प्रियंका चतुर्वेदी का यह बयान उस वीडियो के सामने आने के बाद आया है जिसमें अनिरुद्धाचार्य द्वारा कथित रूप से महिलाओं के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
महिला वकीलों में खासा रोष देखने को मिल रहा
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कथित रूप से 25 साल तक की अविवाहित युवतियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि वे कम उम्र में लड़कियों की शादी का समर्थन कर रहे हैं. इस बयान से सोशल मीडिया से लेकर महिला वकीलों में खासा रोष देखने को मिल रहा है.
धार्मिक मंचों की गरिमा पर सवाल खड़े किए
जहां इस मामले ने धार्मिक मंचों की गरिमा पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं यह भी स्पष्ट किया है कि सामाजिक जागरूकता और जवाबदेही अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है. अब देखना यह होगा कि अनिरुद्धाचार्य इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और वे माफी मांगते हैं या नहीं.
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