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238.90 करोड़ रुपये की कंडी नहर परियोजना ने 433 गांवों के 1,25,000 एकड़ रकबे में सिंचाई सुविधा बहाल की : मंत्री बरिंदर कुमार गोयल

Punjab News : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की ऐतिहासिक पहल के चलते राज्य के कंडी क्षेत्र के हजारों किसानों को करीब चार दशकों के लंबे इंतजार के बाद सिंचाई के लिए नहर का पानी मिला है, जो पंजाब के कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

सिंचाई संबंधी लंबे समय से पेश आ रही चुनौतियों और पंजाब के कृषि बुनियादी ढांचे को बहाल करने के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मान सरकार ने नहर के पानी के वितरण के लिए सिंचाई बुनियादी ढांचे के विकास पर पिछली कांग्रेस सरकार के 2019 से 2022 तक के कार्यकाल में खर्च की गई करीब 2046 करोड़ रुपये की राशि से लगभग 2.5 गुना ज्यादा फंड अर्थात 2022 से 2025 तक 4557 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की है जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।

लगभग 40 वर्षों बाद नहर का पानी नसीब हुआ

इस संबंध में जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि आप सरकार की पहलों के चलते कई क्षेत्रों में किसानों को लगभग 40 वर्षों बाद नहर का पानी नसीब हुआ है जबकि पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण किसान इसकी उम्मीद छोड़ बैठे थे।

नहरें अपनी पूरी क्षमता के अनुसार पानी नहीं पहुंचा रही थीं

उन्होंने बताया कि कंडी क्षेत्र में नहर के पानी की कमी दूर हुई है। मुकेरियां हाइड्रल चैनल से निकलने वाली 463 क्यूसेक क्षमता वाली कंडी नहर (तलवाड़ा से बलाचौर), जिसकी लंबाई 129.035 किलोमीटर है, का निर्माण भले ही वर्ष 1998 में पूरा हुआ था और इसी तरह कंडी नहर स्टेज-2 के तहत (होशियारपुर से बलाचौर) तक मुख्य नहर का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में पूरा हुआ परंतु ये नहरें खस्ता होने के कारण अक्सर इनमें लीकेज/सीपेज की समस्या बनी रहती थी और ये नहरें अपनी पूरी क्षमता के अनुसार पानी नहीं पहुंचा रही थीं।

40 साल बाद टेलों तक पहुंचा

उन्होंने बताया कि मान सरकार द्वारा कंडी नहर परियोजना को गंभीरता से लिया गया और पानी को टेलों तक पहुंचाने के लिए लगभग 238.90 करोड़ रुपये की लागत से कंडी नहर नेटवर्क की कंक्रीट लाइनिंग और विकास किया गया। अब कंडी नहर का पानी तलवाड़ा से बलाचौर तक चल रहा है, जो तकरीबन 40 साल बाद टेलों तक पहुंचा है। इससे 2 जिलों होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर के कुल 433 गांवों को फायदा हुआ है जिससे दसूहा, मुकेरियां, टांडा-उड़मुड़, शाम चौरासी, होशियारपुर, चब्बेवाल, गढ़शंकर और बलाचौर के 1 लाख 25 हजार एकड़ रकबे को पानी मिल रहा है।

120 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की गई

उन्होंने बताया कि कंडी नहर स्टेज-1 (तलवाड़ा से होशियारपुर) की कंक्रीट लाइनिंग 120 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की गई है। नहर के बेहतर कामकाज के लिए नहर के कच्चे खालों को बहाल किया गया और साथ ही कंडी कैनाल स्टेज-1 के अधीन आने वाली 61 किलोमीटर लंबी कुल 11 डिस्ट्रीब्यूटरियों को बहाल करने का काम करवाया गया जिससे होशियारपुर के 203 गांवों के 28,500 एकड़ रकबे को लाभ हुआ। इसके अलावा वर्ष 2024-25 में इन डिस्ट्रीब्यूटरियों/माइनरों से निकल रहे 417.52 किलोमीटर अंडरग्राउंड पाइपलाइन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का 58.78 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट सरकार द्वारा पास किया गया और यह काम इसी महीने पूरा हो जाएगा।

सिंचाई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि कंडी नहर स्टेज-2, जो होशियारपुर से बलाचौर तक पड़ती है, उस पर भी सरकार द्वारा विभिन्न काम करवाए गए। कंडी क्षेत्र के अधीन आने वाले होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर के किसानों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस नहर के अधीन आने वाली लगभग 42 किलोमीटर लंबी 6 फ्लो डिस्ट्रीब्यूटरियों को रीस्टोर किया गया जिससे होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर के 72 गांवों के 18,800 एकड़ रकबे को सिंचाई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

34 करोड़ रुपये की लागत से पूरी तरह से चालू किया गया

उन्होंने बताया कि इसी नहर से ऊंचे क्षेत्र को पानी देने के लिए बनाई गई 5 लिफ्ट स्कीमों की हालत बहुत खस्ता थी, जिन्हें 34 करोड़ रुपये की लागत से पूरी तरह से चालू किया गया। इन लिफ्ट स्कीमों के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को भी बहाल किया गया, जिससे होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर के 38 गांवों के लगभग 11,576 एकड़ बारानी रकबे को सिंचाई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

1500 एकड़ नए रकबे को नहर का पानी प्राप्त होगा

बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि कंडी नहर के पुराने सिस्टम को चलाने के साथ-साथ इस नहर पर कई नए कामों का निर्माण भी मान सरकार द्वारा किया गया। इस नहर पर 11.62 करोड़ रुपये की लागत से 5 नई लिफ्ट स्कीमें लगाई गई हैं, जिससे तकरीबन 1500 एकड़ नए रकबे को नहर का पानी प्राप्त होगा।

भूजल के रिचार्जिंग स्ट्रक्चर बनाए गए

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इसी तरह भूजल के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 5 बंद पड़े सरकारी ट्यूबवेलों के ऊपर 20 लाख रुपये की लागत से भूजल के रिचार्जिंग स्ट्रक्चर बनाए गए हैं और 5.16 करोड़ रुपये की लागत से 24 छप्पड़ों का निर्माण किया गया है जिसे नहर के पानी के माध्यम से समय-समय पर भरा जाएगा। इसके अलावा कंडी नहर पर 4.18 करोड़ रुपये की लागत से 18 चोओं को नहर से जोड़ा गया है जिससे चोओं में समय-समय पर नहर के माध्यम से पानी छोड़ा जाएगा और इससे भूजल का स्तर बढ़ेगा।

पानी देने के लिए अंडरग्राउंड पाइपें बिछाई गई

जल संसाधन मंत्री ने विशेष तौर पर कहा कि मान सरकार द्वारा नहर के माध्यम से इंडस्ट्री को भी पानी मुहैया करवाया जा रहा है, जिससे भूजल के उपयोग में कटौती हो रही है और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि कंडी क्षेत्र में कंडी नहर के अलावा विभिन्न चोओं के ऊपर 13 लो-अर्थन डैम होशियारपुर और एस.ए.एस. नगर जिलों में मौजूद हैं, जिसके माध्यम से विभिन्न गांवों को पानी देने के लिए अंडरग्राउंड पाइपें बिछाई गई हैं। यह सिस्टम काफी समय से खस्ताहाल था। मान सरकार द्वारा इस सिस्टम को चालू करने के लिए 11.50 करोड़ रुपये की लागत से काम करवाया गया है।

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