
Famous faces who passed away in 2024 : वर्ष 2024 में दुनिया ने कई ऐसी महान हस्तियों को खो दिया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया था। इन व्यक्तित्वों ने अपनी कला, विज्ञान, राजनीति, और समाज सेवा से न केवल अपने देश, बल्कि पूरी दुनिया में अमिट छाप छोड़ी। आइए, उन प्रमुख व्यक्तित्वों को याद करें:
डॉ. मनमोहन सिंह (1932-2024)
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वह भारतीय राजनीति के सबसे विद्वान और विनम्र नेताओं में से एक माने जाते हैं। 1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब डॉ. मनमोहन सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने वित्त मंत्री नियुक्त किया। उन्होंने भारत में आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण की शुरुआत की, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था का नया दौर शुरू हुआ।

डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं, जिनमें मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, और खाद्य सुरक्षा अधिनियम प्रमुख हैं।
वहीं मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान परमाणु समझौता भी किया गया। जिसने अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर डील ने भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई। उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद मजबूती दिखाई।
रतन टाटा (1937-2024)

प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और उद्योग जगत के महान नामों में से एक, रतन टाटा ने 9 अक्टूबर, 2024 को अंतिम सांस ली। उनकी सादगी पूरे देश में चर्चित थी। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता के कारण टाटा समूह को विश्वस्तरीय सफलता मिली। रतन टाटा ने कई महत्वपूर्ण कंपनियों का अधिग्रहण किया, जैसे कि जिगुआर और लैंड रोवर। उन्होंने नैनो कार से आम जनता का सपना साकार किया, जबकि टाटा स्टील और टाटा मोटर्स के अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहणों ने भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। रतन टाटा का योगदान न केवल व्यापार में, बल्कि समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण रहा है। उन्हें भारतीय उद्योग जगत का आदर्श माना जाता है।
जाकिर हुसैन (1951-2024)

प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर, 2024 को निधन हो गया। जाकिर हुसैन भारत के प्रसिद्ध तबला वादक और शास्त्रीय संगीत के महान कलाकार थे। वे उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र थे और अपनी अनोखी तकनीक और भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए प्रसिद्ध थे। जाकिर हुसैन ने भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई और कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जैसे पद्मश्री, पद्मभूषण और ग्रैमी पुरस्कार जीते। उनका योगदान भारतीय संगीत की धारा को नई ऊंचाइयों तक ले गया।
शारदा सिन्हा (1952-2024)
बिहार की स्वर कोकिला कही जाने वाली शारदा सिन्हा का इस वर्ष निधन हो गया। वह एक प्रसिद्ध भारतीय पारंपरिक लोक गायिका थी। जिनका मुख्य रूप से भोजपुरी और मगही भाषाओं में योगदान था। वे विशेष रूप से अपनी सुरों की मधुरता और लोक संगीत के प्रति अपने समर्पण के लिए जानी जाती थी। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के दरभंगा जिले में हुआ था। उन्होंने भोजपुरी संगीत को दुनिया भर में पहचान दिलाई और अपने गायन से लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई।

शारदा सिन्हा के गाने विशेष रूप से त्योहारों, सामाजिक मुद्दों और ग्रामीण जीवन के बारे में होते थे। उनके “गोविंद बिन ना लगे” जैसे गाने बेहद प्रसिद्ध हुए। शारदा सिन्हा को कई राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
पंकज उधास (1951-2024)

गजल गायक पंकज उधास का 26 फरवरी, 2024 को बीमारी के चलते निधन हो गया। वह एक बेहतरीन गजल गायक थे। पंकज उधास अपनी मधुर आवाज और भावपूर्ण अंदाज के लिए जाने जाते थे। “चिट्ठी आई है” जैसी गजल ने उन्हें हर दिल अजीज बना दिया। उनकी गायकी में शायरी और संगीत का अनोखा संगम था, जो सुनने वालों को गहराई से छूता था। आज भी उनके गजल लोगों के दिलों में राज करते हैं।
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