Patanjali Case: विज्ञापन मामले में SC सख्त, कहा- जानबूझकर हमारे आदेश का उल्लंघन किया

Patanjali Case: विज्ञापन मामले में SC सख्त, कहा- जानबूझकर हमारे आदेश का उल्लंघन किया
Patanjali Case: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में बुधवार 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि हम अंधे नहीं हैं. हम माफीनामा स्वीकार करने से इनकार करते हैं.
कोर्ट ने ठुकराया माफी हलफनामा
बता दें कि पंतजलि भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई न्यायाधीश हिमा कोहली और न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच यह सुनवाई कर रही है. बीते दिन 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पतंजलि की ओर से माफीनामा भेजा गया था. वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसजी ने कहा कि इस मामले में कोर्ट की ओर से बिना शर्त के माफी मांगने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने स्वामी रामदेव का बिना शर्त माफी का हलफनामा स्वीकार करने से इनकार कर दिया. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि बाबा राम देव की ओर से तीन-तीन बार हमारे आदेशों का उल्लंघन किया गया.
माफी सिर्फ कागजों के लिए- सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि इस मामले में सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने कहा, ‘जब तक मामला कोर्ट तक नहीं पहुंचा तब तक उन्होंने हमें हलफनामे भेजना उचित नहीं समझा. उन्होंने इसे पहले मीडिया को भेजा, मंगलवार शाम 7: 30 बजे तक माफीनामे को अपलोड नहीं किया गया था. वे प्रचार में विश्वास करते हैं. वहीं भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सामने बाबा रामदेव के माफी हलफनामा को पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘माफी सिर्फ कागजों के लिए हैं. हम इसे जानबूझकर आदेश की अवहेलना मानते हैं. समाज को यह संदेश मिलना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का उल्लंघन न हो.
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