MP रणदीप सुरजेवाला ने प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर BJP पर राजनीति करने का लगाया आरोप

Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी महीने 22 तारीख को रामलला नवनर्मित भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का मन बनाया है। बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बताया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था। लेकिन कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अयोध्या के कार्यक्रम से दूरी बनाने का निर्णय लिया है।
Ram Mandir: राजनीतिक वजह से राम मंदिर के आयोजन का विरोध
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने पर सियासी बयानबाजी थम नहीं रही है। बीजेपी और एनडीए गठबंधन के नेता भी विपक्षी दलों पर हमलावर हैं। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी समारोह में शामिल नहीं होंगी। सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी भी आमंत्रण को अस्वीकार कर चुके हैं। यहां तक कि टीएमसी ने लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर के उद्घाटन को बीजेपी की नौटंकी बताया है।
Ram Mandir: राम के नाम पर नहीं कर सकता है राजनीति
प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “गरीबों के घर में भगवान राम मिलेंगे। भगवान राम का मतलब है भाईचारा, सनातन, जो चीजों को ठीक करता है, जो बलिदान देता है… इसलिए कोई भगवान राम का राजनीतिकरण नहीं कर सकता”, कोई अपने मंदिर को आरएसएस या बीजेपी का कार्यक्रम नहीं बना सकता है। हम भी भगवान राम में उतना ही विश्वास करते हैं जितना अन्य लोग करते हैं… भगवान राम आस्था हैं और कोई उनके नाम पर राजनीति नहीं कर सकता है. बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर राजनीति की जानी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से बीजेपी भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही है।
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