Weather Report: प्रदूषण से बढ़ रही है मधुमेह मरीजों की संख्या

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Weather Report: पिछले दिनों उत्तर भारत में मौसम में परिवर्तन देखने को मिला और दिल्ली-एनसीआर समेत अलग-अलग उत्तर भारत के क्षेत्रों में बारिश हुई जिससे प्रदूषण में कमी देखने को मिली। लेकिन, जहरीली हवा का प्रहार फिर से शुरू हो गया। कुछ रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर से जनवरी महीना प्रदूषण के लिहाज से बहुत संवेदनशील होता है। ऐसे में हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या में बहुत बड़ी मात्रा में वृद्धि देखी जा रही है

Weather Report: सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज और एम्स की स्टडी

एक अध्ययन के अनुसार पिछले दो साल की तुलना में इस बार अब तक प्रदूषित दिनों की संख्या बढ़ी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दस दिनों में भी ज्यादातर दिन प्रदूषित रह सकता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब तक सरकार द्वारा उठाए कदम की समीक्षा करने की जरूरत है साथ ही सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। क्योंकि एम्स और सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीस की अध्ययन भी चौकने वाली हैं, खासकर के मधुमेह के मरीजों के लिए। अध्ययन के अनुसार देश में लगभग 11.4 प्रतिशत लोग मधुमेह के शिकार हैं, जिसमें अगर राजधानी दिल्ली की बात करे तो 17 प्रतिशत मरीज यहां हैं। रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग मधुमेह के महीज हैं उनके शरीर में इंफ्लामेशन बढ़ने लगा है और जो सीरियस केस में तब्दील होते दिख रहा है।

देश के अलग-अलग शहरों में हुई रिसर्च

बता दें, यह रिसर्च देश के दो बड़े शहरों में की गई, जिसमें देश की राजधानी दिल्ली और दक्षिण भारत में स्थित चेन्नई शामिल है। इन जगहों पर करीब 12,000 लोगों को लगातार सात साल तक निगरानी में रखा गया। चेन्नई में PM 2.5 का औसत स्तर 30-40 µg/m3 देखा गया है तो वहीं राजधानी दिल्ली में औसतन 82-100µg/m3 मिला जोकि चेन्नई से दुगुना है। जिसकी वजह से राजधानी में डाइबिटीज मरीज के साथ-साथ लोगों में हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ता दिख रहा है।

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