
Prayagraj: हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज का मामला अभी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। राज्य सरकार के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर हाई कोर्ट के वकीलों ने काम पर न लौटने का फैसला किया है। इसकी वजह से मंगलवार को भी वे न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे। उच्च न्यायालय विधिज्ञ संघ (High Court Bar Association) के संयुक्त सचिव (प्रशासन) सर्वेश कुमार दुबे की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सोमवार को शाम चार बजे उच्च न्यायालय विधिज्ञ संघ (हाईकोर्ट बार एसोसिएशन) की कार्यकारिणी की एक आपात बैठक, संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई।
अधिवक्ता न्यायिक कार्य से रहेंगे दूर
उन्होंने बताया कि इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिला न्यायालय हापुड़ में 29 अगस्त को हुई घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण हाई कोर्ट के अधिवक्ता मंगलवार (12 सितंबर) को भी न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इससे पहले हाई कोर्ट बार असोसिएशन की रविवार की रात हुई एक आपात बैठक में सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय किया गया था।
अधिवक्ताओं की मांग पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
इसी तरह, रविवार देर रात राज्य विधिज्ञ परिषद के पदाधिकारियों और सदस्यों ने एक आपात बैठक कर 11 और 12 सितंबर को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय किया। राज्य विधिज्ञ परिषद के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘शासन प्रशासन द्वारा विधिज्ञ परिषद और अधिवक्ताओं की मांग पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिस पर आगे की रणनीति तय करने के लिए परिषद के सदस्यों की आपात बैठक 10 सितंबर को रात में बुलाई गई।’
आगे की रणनीति पर होगा विचार
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 11 और 12 सितंबर को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे और इस बीच यदि सरकार द्वारा विधिज्ञ परिषद की मांग नहीं मानी जाती है तो फिर 12 सितंबर को रात्रि आठ बजे विधिज्ञ परिषद की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।’
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