
देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। बीजेपी दिल्ली के सिंहासन तक पहुंचने वाले इस रास्ते को अभी से दुरुस्त करने में जुट गई है। ताकि केंद्र में सत्ता की हैट्रिक लगाने में अवरोध न आ सके। यूपी में बीजेपी मिशन-80 का टारगेट लेकर चल रही है, जो विपक्ष के मजबूत वोटबैंक माने जाने वाले मुस्लिमों के बीच सेंधमारी किए बिना हासिल नहीं हो सकता है।
बीजेपी मुस्लिमों को बीच पैठ जमाने के लिए सिर्फ पसमांदा कार्ड ही नहीं चल रही है बल्कि “एक देश एक डीएनए” वास्ता देने के लिए स्नेह मिलन और सूफी सम्मेलन सहित पांच प्वाइंट फॉर्मूला का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, जो दो दर्जन से ज्यादा जिलों की सियासत पर प्रभाव डालते हैं। यहां 20 से 65 फीसदी तक मुस्लिम आबादी है।
सूबे के 90 से अधिक विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं तो 29 लोकसभा सीटों पर प्रभाव रखते हैं। बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में सूबे की सभी 80 सीटें जीतने का टारगेट लेकर चल रही है। बीजेपी इस बात को बखूबी तरीके से समझती है कि बिना मुस्लिम समाज के समर्थन के इस मिशन को पूरा नहीं किया जा सकतै है। इसलिए बीजेपी ने मुस्लमानों को पार्टी से जोड़ने के लिए 5 स्तर पर अभियान शुरू करने की तैयारी की है।