
दक्षिणपंथी हिंदू समूह यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने शुक्रवार को लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह के खिलाफ दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लिए हुए समूह के सदस्यों ने आरोप लगाया कि लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता देने से भारतीय समाज को “नुकसान” हुआ है और श्रद्धा वाकर की हत्या जैसे जघन्य अपराध ऐसे “अदालत के उदार आदेशों” के परिणाम हैं।
समूह के कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने दावा किया कि प्रशासन द्वारा अपना पक्ष ठीक से पेश न कर पाने के कारण ही ‘लिव-इन रिलेशन’ की अनुमति देने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया।
उन्होंने कहा, ‘इससे भारत के समाज को गंभीर क्षति हुई और श्राद्ध जैसे कई जघन्य मामले सामने आए।’ प्रदर्शनकारी उस याचिका का विरोध कर रहे थे, जिसमें देश में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने और पंजीकरण कराने की मांग की गई थी। समूह ने उसी पर भारत के मुख्य न्यायाधीश के लिए एक ज्ञापन भी प्रस्तुत किया।
गोयल ने कहा कि भारतीय समाज में शादी एक पवित्र बंधन है। इसी प्रकार समलैंगिक विवाह देश की युवा शक्ति को पतन की ओर ले जाएगा।
ज्ञापन में कहा गया-“समाज को विनाश की ओर बढ़ने से रोकने के लिए समलैंगिक विवाह जैसी घिनौनी सोच को रोकना होगा। सर्वोच्च न्यायालय को सभ्य समाज की राह दिखानी चाहिए। संविधान के तहत नीतिगत फैसले ही स्थायी सभ्य समाज की स्थापना कर सकते हैं। अन्यथा समाज को मजबूर होना पड़ सकता है। इसकी भारी कीमत चुकानी होगी, इसके लिए जबरन थोपे गए फैसले जिम्मेदार होंगे।”