उत्तरकाशी हादसा: बस पुर्जा-पुर्जा, 200 फीट गहरी खाई, बिखरी पड़ी लाशें, रातभर रेस्क्यू…यह रही पूरी दर्दनाक कहानी

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रविवार शाम को तीर्थयात्रियों से भरी बस जैसे डामटा रिखाऊं खड्ड के पास पुहंची तो 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. हादसे के दौरान बस का पुर्जा-पुर्जा अलग हो गया और सवार यात्रियों की लाशें यहां वहां बिखरी पड़ी थी.

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रविवार को देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भीषण हादसा हुआ. इस भीषण हादसे में अब तक 26 यात्रियों के शव बरामद हो चुके हैं. जब यह हादसा हुआ उस वक्त बस में 30 लोग सवार थे. सभी यात्री मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले थे. हरिद्वार से यमुनोत्री के दर्शन के लिए जा रहे थे.

200 फीट गहरी खाई में गिरी बस

रविवार शाम को तीर्थयात्रियों से भरी बस जैसे डामटा रिखाऊं खड्ड के पास पुहंची तो 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. हादसे के दौरान बस का पुर्जा-पुर्जा अलग हो गया और सवार यात्रियों की लाशें यहां वहां बिखरी पड़ी थी. जिसने भी यह मंजर देखा उसका कलेजा मुंह को गया. स्थानीय लोगों और राहत बचाव दल ने रातभर रेस्क्यू चलाया.

जानकारी के लिए बता दे, चारधाम यात्रियों से भरी बस रविवार शाम करीब 6:45 बजे यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर डामटा रिखाऊं खड्ड के नजदीक बेकाबू होने के कारण 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी थी. यह देख राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. लेकिन रेस्क्यू टीमें काफी देरी से मौके पर पहुंची.

जिला मुख्यालय से 80 KM दूर हुई घटना

गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय घटनास्थल से करीब 80 किमी दूर था. जिसकी वजह से रेस्क्यू टीमों को मौके पर पहुंचने में काफी समय लगा. इसके पहले स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और टॉर्च की रोशनी में घायलों को सड़क किनारे लाने का प्रयास किया गया. लेकिन इस दौरान बचाव कार्य में लगे लोगों ने जो मंजर देखा, उसे देखकर वो विचलित हो उठे.

दरअसल, गहरी खाई में गिरी बस चूरा चूरा हो गई थी. दर्जनभर लोगों की लाशें यहां वहां क्षत विक्षत हालत में बिखरी पड़ी थी. कुछ लाशें दुर्घटनाग्रस्त बस में ही फंसी हुई थीं. वहीं, हादसे में घायल लोग बुरी तरह दर्द से कराह रहे थे और घायल मदद की आवाज लगा रहे थे. ऐसे में घायलों को सड़क पर लाना बड़ी चुनौती बन चुकी थी.

SDRF और NDRF ने किया रेस्क्यू

सूचना मिलते ही बड़कोट और पुरोला पुलिस के साथ SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंची और अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. काफी मशक्कत के बाद घायलों को खाई से निकालकर सड़क पर लाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया.