वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से 12 की मौत, क्या टल सकता था हादसा ?

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जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर में नए साल के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण तड़के करीब 2:45 बजे भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए हैं।

हादसा त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित मंदिर के गर्भगृह के बाहर हुआ है। शुरूआती रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ के बीच बहस के बाद लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे। जिसके बाद भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मारे गए लोगों में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोग हैं।

घायल हुए लोगों को जम्मू-कश्मीर के नरायना अस्पताल ले जाया गया है।

उप-राज्यपाल ने जताया दुख

जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, वैष्णो देवी मंदिर में हुए हादसे से काफी दुखी हूं। मृतकों के परिजनों को मेरी संवेदना और घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।

उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि उप-राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी है और पीएम मोदी ने पूरी मदद का भरोसा दिलाया है।

इसके साथ ही उप राज्यपाल ने ये भी बताया कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही घायलों को 2 लाख रूपये की धन-राशि की मदद की जाएगी। सारा खर्च श्राइन बोर्ड को उठाना होगा।

उप-राज्यपाल ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे की जांच की अध्यक्षता प्रमुख सचिव (गृह) करेंगे। जिसमें ADGP भी शामिल होंगे।

टल सकता था हादसा

वहीं चश्मदीदों का कहना है कि बोर्ड को अधिक भीड़ जमा होने की पहले से ही जानकारी थी, बावजूद उसके अधिकारियों ने भीड़ को इकट्ठा होने दिया गया। अगर पहले ही भीड़ को रोक दिया जाता तो हादसा टल सकता था। उन्होंने आगे बताया कि घटना से थोड़ी देर पहले भी भीड़ अनियंत्रित हुई थी लेकिन भगदड़ नहीं मची थी। तंग रास्ता होने के कारण दोनों तरफ के श्रद्धालू दोनों ओर से पहले निकलना चाहते थे। जिस कारण ये हादसा हुआ।

घायलो से मिलने पहुंचे उप राज्यपाल

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