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वरवर राव की याचिका 24 सितंबर तक टली, कोर्ट ने कहा- जमानत नही दी तो कर्तव्यों का उल्लंघन होगा

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को वरवर राव को दी गई मेडिकल जमानत याचिका को 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया और 24 सितंबर के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।

बता दें राव को 5 सितंबर को तलोजा जेल अधिकारियों को आत्मसमर्पण करना था, लेकिन उन्होंने जमानत की अवधि को बढ़ाने की मांग की।
वरवर राव फिलहाल अंतरिम मेडिकल जमानत पर हैं। वरवर राव एल्गर परिषद-माओवादी लिंक मामले में आरोपी है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा था कि वह राव के खिलाफ तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी जब तक कि उनकी मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राव को फरवरी में जमानत दे दी थी। 22 फरवरी को जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पितले की पीठ ने राव को मानवीय आधार पर अंतरिम चिकित्सा जमानत दी थी।

आरोपी वरवर राव की उम्र 82 वर्ष है और कई बीमारियों से पीड़ित है। तलोजा जेल भेजने से पहले राव का मुंबई के नानावती अस्पताल में इलाज चल रहा था।

वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने 3 सितंबर को जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ से जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की। लेकिन समय की कमी के कारण 25 सितंबर तक मामले को टाल दिया गया।

हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर उसने राव को मेडिकल जमानत नहीं दी, तो वह मानवाधिकारों के सिद्धांतों और एक नागरिक के जीवन और स्वास्थ्य के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के अपने कर्तव्य का उल्लंघन होगा।

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