VARANASI: वाराणसी में बढ़ी गंगा की रफ्तार, डूबे सभी घाट

पहाड़ी क्षेत्रों में और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हो रही लगातार बारिश का असर अब बनारस में भी दिखने लगा है। बनारस में गंगा नदी का जलस्तर लगातार 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। रफ्तार तेज होने की वजह से काशी के सभी 84 घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
आशंका जताई जा रही है कि अगर इसी रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ा तो अगले कुछ दिनों में हालात बेकाबू हो सकते हैं। घाटों के डूब जाने की वजह से सावन माह में आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करने में खासी परेशानी हो रही है।
बीते 1 हफ्ते के दौरान गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे ऊपर आ रहा था, लेकिन 24 घंटे से रफ्तार कुछ ज्यादा ही तेज हो गई है। 31 जुलाई की शाम जहां गंगा का जलस्तर 64.50 मीटर था तो वही 6 जुलाई की सुबह गंगा का जलस्तर 66.52 मीटर दर्ज किया गया। इतना ही नहीं बीते रात से गंगा के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार दिखाई दी। इसकी वजह से वाराणसी के सभी 84 घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
प्रशासन ने एहतियातन नौका संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए घाट किनारे रहने वाले छोटे दुकानदार, नाविक और रहवासियों में बाढ़ को लेकर चिंता बढ़ गई है।
लगातार बारिश और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए वाराणसी के निचले इलाकों और सहयोगी नदियों के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गंगा घाट का इलाका हो या पुणे से सटे कोनिया क्षेत्र हो, इन सभी इलाकों में लोगों ने एहतियातन बाढ़ के हालात को देखते हुए अपने इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रशासन ने जल पुलिस एनडीआरएफ समेत स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश अभी होती रहेगी। रविवार को राजधानी लखनऊ, वाराणसी समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश दर्ज की गई है।
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