
सावन में झूला झूलते हुए मंद-मंद फुहारों के बीच घेवर खाने का अपना ही मजा है। लेकिन खाने से पहले मिलावट की जांच जरूरी है। क्योंकि मिलावटी घेवर आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। शहर की हर मिठाई की दुकान पर सजा घेवर बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। सावन के महीने में आने वाली तीज व रक्षाबंधन के पर्व पर घेवर के चलन की पुरानी परम्परा है। इस परम्परा को घेवर बनाने वाले ही नहीं बल्कि खाने वाले भी निभा रहे हैं।
सावन माह में घेवर की मांग बढऩे से मिलावट भी खूब होती है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की मिलावट पर लगाम इतनी ढीली है कि जब तक सैम्पल रिपोर्ट आएगी तब तक मिठाई हजम हो चुकी होती है ओर रिपोर्ट आने के बाद भी दुकानदार पर मामूली जुर्माना लगाने से मिलावट पर रोक नहीं लगती।
ताजा मामला हापुड़ के बंसल स्वीट्स के सामने आया है जहां पर एक युवक द्वारा घेवर ले जाया गया और जैसे ही वह घेवर लेकर अपने घर पहुंचा तो उसने घेवर खाने की इच्छा जाहिर की। लेकिन घेवर के अंदर कॉकरोच मिलने से वह सहम गया। युवक घेवर में कॉकरोच का फोटो खींचकर दुकानदार को दिखाने आया।
तो इस दौरान उसकी दुकानदार से बहस भी हुई। जिसके बाद दुकानदार ने मुफ्त में उस युवक को 1 किलो घेवर और दे दिया। बात यहीं नहीं रुकी, युवक ने घेवर में कॉकरोच का फोटो खाद्य अधिकारी को दिखाया। जिसके बाद खाद्य विभाग ने बंसल स्वीट पर छापामार कार्रवाई करते हुए वहां से घेवर सहित कई नमूने इकट्ठा किए।
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