UP: एडमिशन लिस्ट न निकाले जाने पर छात्र-छात्राओं का फूटा गुस्सा, बारिश में ही धरने पर बैठे

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उतर प्रदेश के अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दर्जनों छात्र-छात्राएं एडमिशन लिस्ट व अन्य मांगों को लेकर बाबे सैय्यद गेट पर भारी बारिश में ही धरने पर बैठ गए हैं। प्रोटेस्ट पर बैठे छात्र छात्राओं का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हम धरने पर ही बैठे रहेंगे। चाहे आंधी तूफान आए या बरसात हम अपनी मांगों को लेकर डटे रहेंगे। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रोटेस्ट कर रहे छात्र छात्राओं को काफी समझाने का प्रयास किया गया मगर सभी विफल रहे। स्टूडेंट्स का कहना है कि हम कम्युनिटी कॉलेज के छात्र हैं। कॉलेज के एक सक्रिय स्टूडेंट के रूप में हम उन मुद्दों के बारे में गहराई से चिंतित हैं जो उत्पन्न हुए हैं और आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं।

बता दें कि सामुदायिक कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए कौशल भारत कार्यक्रम का समर्थन करने के महान मिशन के साथ की गई थी। वर्तमान में, लगभग 400 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र सामुदायिक कॉलेज में नामांकित हैं, जिससे यह एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान बन गया है। जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सामुदायिक कॉलेज को अपने सुचारू संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षण और गैर-शिक्षण दोनों कर्मचारियों को दो वर्षों से अधिक समय से उनका पारिश्रमिक नहीं मिला है। जिससे उनके मनोबल और उनके कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय एम.वोक की पेशकश जारी रखने की योजना नहीं बना रहा है। (मास्टर ऑफ वोकेशन) पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शामिल नही है। इस निर्णय से कई स्टूडेंट्स निराश है। उनका कहना है कि एम. वोक. पाठ्यक्रम तीन अलग-अलग विषयों में साठ सीटों की पेशकश करता है, जो हमें बहुमूल्य कौशल प्रदान करता है। हमारे करियर की संभावनाओं को बढ़ाता है।

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