पप्पू यादव की सेफ पॉलिटिक्सः पहले लालू पर आरोप फिर सवाल, बाद में साथ देने का ऐलान

Pappu Yadav to Public

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Pappu Yadav to Public: नामांकन के बाद वे टाउन हॉल में समर्थकों के बीच पहुंचे पप्पू यादव ने वहां उपस्थित विशाल जन समूह को संबोधित किया. इस दौरान पहले उन्होंने लालू यादव पर आरोप लगाए, फिर उनसे सवाल किए और बाद में उनका साथ देने का ऐलान भी कर दिया. राजनीति में पप्पू यादव ने सेफ गेम खेला है. वहीं बार बार वो खुद को पूर्णियां का बेटा भी बताने से नहीं चूके. ऐसे में लोगों के मन में प्रश्न उठना लाजिमी है कि आखिर पप्पू यादव चाहते क्या हैं लेकिन इसका जवाब जनता को खुद ही तलाशना होगा.

कहा कि लालू जी को हमसे क्या दिक्कत है, पता नहीं? जब उनसे मुलाकात में हमने कहा कि हम मिलकर बिहार बनाएंगे. उनके बेटे का साथ देंगे, फिर क्यों उन्होंने, कुछ कांग्रेसियों के साथ मिलकर धोखा दिया? मेरी गलती क्या थी. पप्पू यादव ने कहा कि लालू यादव से मिलने के बाद वे दिल्ली गए और वहां कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर अपनी पार्टी का मर्जर किया. उसके बाद मुझे राजनीतिक रूप से ख़त्म करने की साजिश की गई, क्यों?

पप्पू यादव अपने संबोधन के दौरान भावुक नजर आए. लालू यादव के सेक्युलरज्म पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पप्पू यादव से फिर भी समझ आता है, लेकिन आपको कन्हैया और निखिल बाबू से क्या दिक्कत थी? उनका टिकट क्यों काटा? प्रभुनाथ सिंह के बेटे का सीट क्यों छीन लिए? जिस शाहबुद्दीन ने अपनी पूरी जिन्दगी दे दी, उसकी पत्नी की सीट क्यों काटी? क्या इस तरह आप देश के साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे? इसका जवाब जनता को देना होगा.

पप्पू यादव ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी का मर्जर चुनाव के लिए नहीं किया था. मैंने देश की नफरती ताकतों को हराने के लिए अपनी पार्टी का बलिदान दिया. और उसी वक्त मैंने तय किया था, मरते दम तक पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. नहीं छोड़ा. जब तक जिन्दा रहेंगे, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के विचारों को नहीं छोड़ेंगे. पप्पू यादव ने कहा कि आज भी मैं देशहित में अपना योगदान देने को तैयार हूं. लालू जी को जहां मेरी जरूरत होगी. मैं वहां जाऊंगा. बहन मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के लिए प्रचार करूंगा. और सिवान में हीना साहब का भी समर्थन करूंगा. मैं उन्हें इस हाल में नहीं छोडूंगा.

पप्पू यादव ने आशीर्वाद सभा में कहा कि आज पूर्णिया के सम्मान की बात है. जिस रेणु से पूर्णिया की पहचान हुई. उस पूर्णिया की पहचान को फिर से बेटा दुनिया में बनाने को संकल्पित है. मधेपुरा के साथ-साथ सुपौल, कटिहार, किशनगंज, अररिया सभी जगह के हिसाब से आग्रह करूंगा कि आप लोग सही मायने में अगर हमसे प्यार करते हैं, तो 20 दिन आप घर छोड़ दीजिए. 20 दिन आप हमको अपनी जिंदगी दीजिए. हम सभी मिलकर पूर्णियां समेत कोसी सीमांचल के भविष्य का निर्माण करेंगे.

उन्होंने कहा कि भोला पासवान शास्त्री, बी पी मंडल, कुंवर जी के बैगर सीमांचल कोसी नेतृत्व विहीन हो गया. आज कोसी-सीमांचल में एक बेटा पैदा हुआ और यही बेटा दुनिया में कोसी सीमांचल का नाम करेगा.पहली बार यहां के लोगों ने एक बेटा पैदा किया. इसलिए आप अपने बेटे को गले से लगा लीजिए और बहुमत जिता कर पूर्णिया के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों को सबक सिखा दीजिए.

रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार

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