
Sanjay Raut on language : एक बार फिर भाषा को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इसी संदर्भ में राज्यसभा सांसद संजय राउत का बयान आया है. संजय राउत ने कहा कि हम हिंदी बोलते हैं, मैं हिंदी में बोलता हूं, पढ़ता हूं और सोचता हूं. यहां हिंदी को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. हमारी भूमिका ये है कि प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को लेकर सख्ती नहीं होनी चाहिए.
संजय राउत ने कहा कि वो हम होने नहीं देंगे और हमारी लड़ाई यहां तक सीमित है. महाराष्ट्र सरकार की लड़ाई हिंदी को कक्षा 1 से तीसरी भाषा के रूप में स्कूलों में लागू करने के फैसले के खिलाफ है. यह हमारी मातृभाषा मराठी के साथ अन्याय है. हम मराठी को दबने नहीं देंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम हिंदी के खिलाफ हैं.
सोशल वर्क करने के लिए आए हैं?
उन्होंने कहा कि अच्छा ठीक है, आ गए न, राजनीति के लिए ही आए न. आप किसके लिए साथ आए भई? एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस साथ किस लिए आए हैं? सोशल वर्क करने के लिए आए हैं? या आपकी जो संपत्ति जो बनाई है, उसको बांटने के लिए आए हैं?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्य कई सालों से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी लड़ाई हिंदी थोपे जाने के खिलाफ है, जबकि महाराष्ट्र में लड़ाई का उद्देश्य अलग है.
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