
S Jaishankar : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी रामकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. इस दौरान अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर लगाए गए दंडात्मक टैरिफ को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारत इस तर्क को समझने में “बहुत हैरान” है.
उन्होंने कहा कि भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार नहीं है, यह चीन है. वहीं, भारत सबसे बड़ा LNG खरीदार भी नहीं है, यह यूरोपीय संघ है. इसके अलावा 2022 के बाद रूस के साथ सबसे बड़ा व्यापार वृद्धि भी भारत ने नहीं किया, कुछ देशों का दक्षिण में इसका अधिक व्यापार है.
रक्षा और सैन्य तकनीकी सहयोग भी मजबूत
एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस विश्व के सबसे स्थिर संबंधों वाले देशों में से हैं. उन्होंने ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश को बनाए रखने की अहमियत बताई. रक्षा और सैन्य तकनीकी सहयोग भी मजबूत है, और रूस भारत के ‘मेक इन इंडिया’ लक्ष्यों में सहयोग करता है.
एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की साझा महत्वाकांक्षा दोहराई. कृषि, फार्मा और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में भारत के निर्यात को बढ़ाना व्यापार असंतुलन को सुधारने में मदद करेगा.
अमेरिका पिछले कई वर्षों से कह रहा था कि भारत को विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने में मदद करनी चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है. साथ ही भारत अमेरिका से भी तेल खरीदता है, और इसकी मात्रा बढ़ी है. ऐसे में भारत अमेरिकी तर्क को समझने में हैरान है.
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