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‘हमारे लिए EAST का मतलब है, एम्पावर, एक्ट, स्ट्रेंथ और ट्रांस्फॉर्म…’, राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में बोले पीएम मोदी

Rising North East Investors Summit 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (23 मई, 2025) ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “आज जब मैं राइजिंग नॉर्थ ईस्ट के इस भव्य मंच पर हूं तो मन में गर्व है, आत्मीयता है और अपनापन है और सबसे बड़ी बात है, भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले यहां भारत मंडपम में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था। आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में निवेश का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। यह दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं। मैं सभी मंत्रालयों और सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके प्रयासों से वहां निवेश के लिए शानदार माहौल बना है।”

‘नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए अष्टलक्ष्मी है’

उन्होंने कहा, भारत को दुनिया का सबसे विविध देश कहा जाता है और हमारा नॉर्थ ईस्ट इस विविध राष्ट्र का सबसे विविध हिस्सा है। नॉर्थ ईस्ट की विविधता इसकी बहुत बड़ी ताकत है। इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए अष्टलक्ष्मी है। अष्टलक्ष्मी के इस आशीर्वाद से नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य कह रहा है, हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

पीएम मोदी ने बताया EAST का अर्थ

पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। नॉर्थ ईस्ट पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए ‘EAST’ का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है। हमारे लिए EAST का मतलब है, ‘एम्पावर, एक्ट, स्ट्रेंथ और ट्रांस्फॉर्म’। पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है।

नॉर्थ-ईस्ट के साथ ‘बम और बंदूक’ का नाम जुड़ा था

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है, शांति और कानून-व्यवस्था। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी। हमारी सरकार शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) की नीति पर चलती है। एक समय था जब नॉर्थ-ईस्ट के साथ ‘बम और बंदूक’ का नाम जुड़ा हुआ था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ता था। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। हमारा ध्यान नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए। युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में 10,000 से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है। आज नॉर्थ ईस्ट युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं।

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