ओटीटी पर रिलीज होगी “Pipaa” होने वाला है world premiere

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बॉलीवुड अभिनेता ईशान खट्टर की फिल्म जो एक अरसे से बन कर तैयार थी। आज उसका अमेजन ने ट्रेलर लांच के साथ ही इसकी डायरेक्ट टू स्ट्रीमिंग की भी घोषणा कर दी गयी है, और यह फिल्म भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान हुई गरीबपुर की कहानी को दर्शाती है। आरएसवीपी और रॉय कपूर फिल्म्स के बैनर तले बनी और राजा कृष्ण मेनन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में Ishaan Khatter रियल लाइफ वॉर हीरो कैप्टन बलराम सिंह मेहता का किरदार निभा रहे हैं।

प्राइम वीडियो ने 1 नवंबर ‘Pippa’ का ट्रेलर रिलीज किया और प्रीमियर की डेट भी अनाउंस की। Pippa दिवाली के मौके पर ओटीटी पर रिलीज होने वाली है। आप इस मूवी को 10 नवंबर 2023 को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं। ये फिल्म प्राइम वीडियो पर रिलीज की जा रही है,मेकर्स ने इसके वर्ल्डवाइड प्रीमियर का ऐलान कर दिया है और फैंस को ट्रेलर का भी खास तोहफा दिया है। ‘Pippa’ का प्रीमियर भारत और दुनिया भर के 240 से ज्यादा देशों में प्राइम वीडियो पर होगा ।

R.K. Menon का डायरेक्शन, A.R. Rahman का म्यूजिक

ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की ‘द बर्निंग चाफीज’ पर बेस्ड ये फिल्म मेनन, तन्मय मोहन और रविंदर रंधावा द्वारा लिखी गई है आरएसवीपी और सिद्धार्थ रॉय कपूर की रॉय कपूर फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म को राजा कृष्ण मेनन ने डायरेक्ट किया है और  रोनी स्क्रूवाला प्रोड्यूसर हैं। ।इसका म्यूजिक एआर रहमान ने दिया है, जो देशभक्ति और बलिदान की इस कहानी को एक मौहाल देता है।

आखिर इस फिल्म का नाम ‘Pippa’ क्यों रखा

ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की लिखी किताब ‘द बर्निंग चाफीज’ पर आधारित इस फिल्म को मेनन के अलावा तन्मय मोहन और रविंदर रंधावा ने लिखा है। फिल्म का संगीत ए आर रहमान ने दिया है।फिल्म ‘पिप्पा’ को इसका नाम एम्फीबियस वॉर टैंक पीटी-76 (पलावुशी टैंका) से मिला है, जिसे पिप्पा के नाम से जाना जाता था, जो घी के एक खाली डिब्बे की तरह आसानी से पानी पर तैर सकता है।

यह फिल्म देशभक्ति और वीरता की कहानी बताती है, और 45 कैवेलरी टैंक स्क्वाड्रन के कैप्टन बलराम मेहता की जिंदगी की झलकियां दिखाती है। फिल्म का उस समय में वापस ले जाता है, जब भारत ने पूर्वी मोर्चे पर गरीबपुर की लड़ाई लड़ी थी। इस मिशन के दौरान उनके लीडर के निधन के बाद कैप्टन बलराम सिंह मेहता ने स्क्वाड्रन की कमान संभाली।

अपने भाई-बहनों के साथ वह युद्ध में फ्रंटलाइन पर थे और भारत की जीत की में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वॉर के इस नारे के साथ कि “हम सैनिकों की तरह लड़ते हैं, सैनिकों की तरह मारते हैं, और सैनिकों की तरह मरते हैं” काम करते हुए, भारतीय सेनाओं ने अपना सब कुछ दे दिया, जिससे बांग्लादेश की मुक्ति हुई।फिल्म ‘पिप्पा’ के निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर कहते हैं, “पिप्पा 1971 के भारत-पाक युद्ध का एक आकर्षक विवरण है जिसके कारण बांग्लादेश को आजादी मिली, जिसे ब्रिगेडियर बलराम मेहता की नजरों से बताया गया है।

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