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Himachal Political Crisis: हिमाचल में अभी नहीं टला कांग्रेस की सुक्खू सरकार से संकट!

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में अभी सियासी संकट मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर से अभी संकट टला नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सरकार अभी भी खतरे में है। बता दें, कि कांग्रेस के कई विधायक बागियों के संपर्क में हैं। साथ ही पर्यवेक्षकों के साथ हुई बातचीत नाकाम रही। और मुख्यमंत्री बदलने पर विक्रमादित्य सिंह का कैंप और बागियों का खेमा अड़ा हुआ है।

पार्टी ने दावा किया पांच साल चलेगी सरकार

हालांकि अभी तक विक्रमादित्य के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद सीएम सुक्खू ने विक्रमादित्य सिंह को अपना छोटा भाई बताया। बता दें, कि उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हमारे जनादेश को न चुराए और हमें हमारा काम करने दे। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने सियासी संकट के बीच पर्यवेक्षक के रूप में डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को शिमला भेजा था। जिन्होंने सभी विधायकों और सीएम से मुलाकात की। और इस मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें दावा किया गया कि सरकार पांच साल चलेगी और सबकुछ ठीक है।

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क्रॉस वोटिंग से शुरू हुई है सियासी उठापटक

बाताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार का यह संकट तब शुरू हुआ जब हिमाचल की एक सीट पर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। और इस हार के बड़े चर्चे इसलिए हुए क्योंकि कांग्रेस यहां बहुमत में है, जबकि बीजेपी के सिर्फ 25 विधायक ही थे। वहीं कांग्रेस के 6 विधायकों ने बगावत कर दी। और इस तरह कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीयों विधायकों ने चुनाव से जस्ट पहले खेमा बदल लिया और बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दी। जिसके चलते बीजेपी के उम्मीदवार जीत गए। इसके बाद से कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है।

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