Manipur एक राजनीतिक समस्या है, इसका राजनीतिक हल निकले- सेना

Manipur Riots: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा हो रही है. इस बार ये हिंसा जातीय है. इस हिंसा के कारण राजनीतिक परेशानियां भी हो रही हैं. उग्र होती हिंसा पर पूर्वी सेना के कमांडर ने कहा है कि मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा एक राजनीतिक परेशानी और संघर्ष है और ये संघर्ष तब तक चलेगा जब तक सुरक्षा बलों से लूटे गए 4000 हथियार वापस ना ले लिये जाएं.
हिंसा को रोकना हमारा प्रयास
पूर्वी कमांड के कमांडर इन-चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल राना प्रताप कलिता ने कहा- “हमारा प्रयास हिंसा को रोकना और दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रेरित करना है. इस समस्या का राजनीतिक समाधान होना ही चाहिए.”
Manipur Riots: बंट गए हैं समुदाय
“अब हुआ ये है कि दोनों समुदाय पूरी तरह से बंट गए हैं. हालाँकि हिंसा के स्तर में कमी आई है लेकिन कई पुलिस स्टेशनों और अन्य स्थानों से लिए गए 5,000 से अधिक हथियार लूटे जा चुके हैं और अभी भी लोगों के हाथों में हैं. इनमें से बस 1500 को बरामद किया जा सका है और लगभग 4000 अभी भी लोगों के पास है. जब तक हथियार लोगों के पास रहेगा हिंसा थमेगी नहीं.”
Manipur Riotsम्यांमार से उग्रवादियों को दी जा रही है शरण….
उन्होंने कहा कि भारत मिज़ोरम और मणिपुर में म्यांमार से आ रहे आम ग्रामीणों, सेना या पुलिस के लोगों के शरण दे रहा है, लेकिन हम उग्रवादी समूहों या ड्रग्स तस्करों को शरण नहीं देते.