
Ladakh Protest: लद्दाख को लोग उसकी खूबसूरती और वहां के लोंगों के शांत स्वभाव के लिए जानते हैं। लेकिन इन दिनों लद्दाख के लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि ये प्रदर्शन 3 फरवरी को शुरू हुआ था। इस कंपकंपाती सर्दी की परवाह किए बिना लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) कर रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। आइए जानते हैं कि उनकी क्या मांग है।
Ladakh Protest: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग
लद्दाख के लोग कड़ाके ठंड में भारी संख्या में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के पीछे लोगों की 3 मांगे हैं। पहली मांग है लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग। दूसरी मांग है लद्दाख में दूसरी संविधान की छठी अनुसूची यानी सिक्स्थ शेड्यूल को लागू करना। बता दें कि लद्दाख में छठी अनुसूची के तहत जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त जिले बनाने का प्रावधान है। लद्दाख में भी कई तरह की जनजातियां रहती हैं, इसलिए ये मांग इतने उग्र तरीके से उठ रही है।
वहीं तीसरी मांग है लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग संसदीय सीट स्थापित करना। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब लद्दाख में लोगों ने प्रदर्शन किया हो। इससे पहले भी कई बार यहां के लोग प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन इस बार से प्रदर्शन काफी उग्र हो गया है।
Ladakh Protest: सोनम वांगचुक ने की उपवास की मांग
लद्दाखी आइकन और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने घोषणा की है कि वो जल्द ही 21 दिन का उपवास शुरू करेंगे। जिसमें केंद्र शासित प्रदेश को राज्य के दर्जे के साथ संविधान की 6 वीं अनुसूची के तहत शामिल करने की मांग की जाएगी। शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए वांगचुक ने इसे “लद्दाख की आखिरी मन की बात” (लद्दाख का अंतिम शब्द) करार दिया है।
जम्मू-कश्मीर से अलग होने के बाद से कर रहे मांग
जम्मू-कश्मीर से जब 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया, तो उस वक्त राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया। इसमें से एक जम्मू-कश्मीर रहा, जो विधानसभा वाला केंद्रशासित बना। वहीं, लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। उसके बाद से ही लद्दाख पूर्ण राज्य की मांग कर रहा था।
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