Guru Tegh Bahadur Ji Martyrdom Anniversary : पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि पंजाब सरकार गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस को पूरे श्रद्धा और भव्यता के साथ मना रही है. इन ऐतिहासिक आयोजनों की सफलता और सुचारू संचालन के लिए पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों का विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है.
19 नवंबर से शुरू होंगे चार नगर कीर्तन
तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि 19 नवंबर से चार नगर कीर्तन शुरू होंगे, जो पंजाब के अलग-अलग धार्मिक स्थलों से रवाना होकर 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेंगे. इन नगर कीर्तनों की कुल लंबाई 1563 किलोमीटर होगी और ये पंजाब के प्रमुख शहरों व कस्बों से होकर गुजरेंगे.
मुख्य नगर कीर्तन – 544 किलोमीटर की यात्रा
मुख्य नगर कीर्तन 19 नवंबर को श्रीनगर से शुरू होगा. यह जम्मू, पठानकोट, दसूहा, होशियारपुर, माहिलपुर और गढ़शंकर से होता हुआ 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगा.
- ठहराव:
- 19 नवंबर – जम्मू
- 20 नवंबर – पठानकोट
- 21 नवंबर – होशियारपुर
यह नगर कीर्तन कुल 544 किलोमीटर की दूरी तय करेगा.
माझा-दोआबा मार्ग – 345 किलोमीटर का सफर
माझा-दोआबा रूट पर नगर कीर्तन 20 नवंबर को गुरदासपुर से आरंभ होगा. यह बटाला, बाबा बकाला, अमृतसर, तरन तारन, गोइंदवाल साहिब, कपूरथला, करतारपुर, जालंधर, बंगां और बलाचौर से होते हुए 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगा.
- ठहराव:
- 20 नवंबर – अमृतसर
- 21 नवंबर – जालंधर
इस नगर कीर्तन की कुल दूरी 345 किलोमीटर रहेगी.
मालवा-1 रूट – 320 किलोमीटर की यात्रा
मालवा-1 मार्ग पर नगर कीर्तन 20 नवंबर को फरीदकोट से शुरू होगा. यह फिरोजपुर, मोगा, जगराओं, लुधियाना, खन्ना, सिरहिंद, फतेहगढ़ साहिब, मुरिंडा, चमकौर साहिब और रूपनगर से होता हुआ 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगा.
- ठहराव:
- 20 नवंबर – लुधियाना
- 21 नवंबर – फतेहगढ़ साहिब
इस यात्रा की कुल दूरी 320 किलोमीटर होगी.
मालवा-2 रूट – 354 किलोमीटर का सफर
मालवा-2 मार्ग पर नगर कीर्तन 20 नवंबर को तलवंडी साबो से शुरू होगा. यह बठिंडा, बरनाला, संगरूर, पटियाला, राजपुरा, बनूर, मोहाली, कुराली और रूपनगर से होता हुआ 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगा.
ठहराव:
- 20 नवंबर – संगरूर
- 21 नवंबर – मोहाली
यह नगर कीर्तन कुल 354 किलोमीटर का सफर तय करेगा.
संगत से की अपील
तरुनप्रीत सिंह सौंद ने दुनियाभर की संगत से अपील की है कि वे इन नगर कीर्तनों में शामिल होकर गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान अर्पित करें. उन्होंने कहा कि संगत को इन सभी आयोजनों में उत्साह और श्रद्धा के साथ भाग लेना चाहिए ताकि गुरु जी का संदेश – “धर्म, मानवता और त्याग” – दूर-दूर तक फैले.
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