
New Delhi: सरकार ने फिल्मों की पायरेसी रोकने के लिए बड़ी पहल की है। जिसके तहत नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा नियुक्त इन अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से पायरेटेड सामग्री को हटाने के लिए आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है।
48 घंटे के अंदर होगी कार्रवाई
भारत के अलग अलग इलाकों के लिए बारह नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जो सिनेमा को अवैध रूप से दिखाए जाने के विरुद्ध कार्रवाई कर सकेंगे। फिल्मों व संगीतों की चोरी की शिकायतें आने के 48 घंटे के अंदर कार्रवाई कर दी जाएगी।
पायरेसी से हर वर्ष लगभग 20000 करोड़ का नुकसान
सूचना प्रसारण मंत्रालय के इस कदम से फिल्म पायरेसी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए एक संस्थागत तंत्र बन गया है। फिल्मों की पायरेसी के कारण फिल्म उद्योग को हर वर्ष लगभग 20000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन, सरकार का यह कदम इस पर बड़ा अंकुश लगा सकता है।
अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
सूचना प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में बारह नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। जिनके पास फिल्म चोरी से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पायरेसी न केवल हमारे सिनेमा उद्योग के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरा है। इन नोडल अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से पायरेटेड सामग्री को हटाने के लिए आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है।
फिल्म पायरेसी में पकड़े जाने पर होगी सजा
फिल्म पायरेसी के विरुद्ध कानूनी शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले मॉनसून सत्र के दौरान सिनेमाटोग्राफ कानून में संशोधन से संबंधित एक विधेयक पारित किया था। सूचना प्रसारण मंत्री ने इस नए कानून का हवाला देते हुए कहा कि फिल्म पायरेसी में पकड़े जाने पर 3 लाख रुपए का जुर्माने से लेकर 3 वर्ष तक की जेल हो सकती है।
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