Delhi NCR

‘विपक्ष की सरकारें गिराने के लिए मोदी सरकार ला रही कानून’, AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज का हमला

Delhi : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बात सच साबित होने जा रही है कि भाजपा विपक्ष की सरकारों को गिराने के लिए कोई भी षड़यंत्र कर सकती है। इसी षड़यंत के तहत भाजपा की केंद्र सरकार आपराधिक मामलों में गिरफ्तार राजनेताओं को पद मुक्त करने के लिए कानून ला रही है, ताकि वह इस कानून की मदद से विपक्ष की सरकारों को गिरा सके।

‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने इस कानून के पीछे छिपे भाजपा के षड़यंत्र को उजागर करते हुए कहा कि पहले ये मुख्यमंत्री पर झूठा केस बनाएंगे, फिर ब्लैकमेल करेंगे और सीएम नहीं माना तो जेल में डालकर उसकी सरकार गिरा देंगे। बिना किसी सबूत के गिरफ्तारी होने पर अरविंद केजरीवाल, भाजपा की इस साजिश को समझ गए थे। इसीलिए उन्होंने बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और ‘‘आप’’ को तोड़ने की भाजपा की साजिश नाकाम हो गई।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की यह षड्यंत्र आज से नहीं, बल्कि कई सालों से चल रहा है। लेकिन जब भी इस तरह के षड्यंत्र रचे जाते हैं, अरविंद केजरीवाल पहले व्यक्ति होते हैं, जो इसे समझ लेते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कई टीवी साक्षात्कारों में कहा है कि अगर मैं इस्तीफा दे देता, तो कल को ये लोग विपक्ष के सभी मुख्यमंत्रियों पर झूठे मुकदमे बना देते। ममता बनर्जी पर मुकदमा बनाना इनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं। मुकदमा बना देंगे, जेल में डाल देंगे और पीछे से उनकी सरकार गिरा देंगे। यही नहीं, स्टालिन साहब पर भी मुकदमा बनाया जा सकता है। इनके लिए यह मुश्किल नहीं है।

भाजपा के पास कोई और रास्ता नहीं बचा

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस तरह ये विपक्ष के बड़े नेताओं को गिरफ्तार करके उनकी सरकारें गिरा देंगे। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कानून को समझा और निर्णय लिया कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया, क्योंकि तब चीजें उनके नियंत्रण में थीं। चूंकि अब भाजपा के पास कोई और रास्ता नहीं बचा है। इसलिए मोदी सरकार पूरे षड्यंत्र के तहत एक कानून ला रही है, ताकि विपक्ष की सरकारों को इसी तरह गिराया जा सके।

वहीं, ‘‘आप’’ मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को बिना प्रमाण, बिना सबूत, बिना जांच के 6 महीने जेल में रखा गया और कोर्ट में एक भी सबूत नहीं दिया जा सका। क्योंकि कुछ था ही नहीं। ईडी-सीबीआई को कोर्ट ने पिंजरे में बंद तोता कहा और हर केस में क्लोजर रिपोर्ट फाइल हो रही है। भाजपा को लगने लगा है कि वह कानून से ऊपर है। सबूत देने की आवश्यकता ही खत्म कर दो। कसूरवार होना जरूरी नहीं। बस 30 दिन के लिए एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में डाल दो और इस नए कानून के तहत 31वें दिन एक चुने हुए मुख्यमंत्री को हटा दो। फिर कोर्ट बंद कर दें?

‘हर कोई भाजपा से निजात चाहता है’

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा आजकल अपनी हर गैरकानूनी हरकत को कानून के दायरे में लाने का भरसक प्रयास कर रही है। मोदी जी जनता के दिल से उतर चुके हैं। हर कोई भाजपा से निजात चाहता है, पर इनका सत्ता मोह खत्म नहीं हो रहा। पहले खरीद-फरोख्त की राजनीति करते थे, अब विपक्ष की सरकार गिराने का नया तरीका निकाल लिया है। भाजपा की पूरी राजनीति नकारात्मक है। टीडीपी और जेडीयू पर सबसे पहले प्रहार होगा। उन्हें भी इस बिल पर समर्थन देने से पहले गहरा चिंतन करना होगा।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर ये बिल पास हुआ तो मोदी जी को सार्वजनिक मंच से किसी को 70 हजार करोड़ के घोटाले को उजागर नहीं करना पड़ेगा। काफ़ी शर्मिंदगी हुई होगी 70 हजार करोड़ का घोटालेबाज़ बोला और फिर भाजपा में शामिल करवा कर वित मंत्रालय दे दिया। बिल पास होने के बाद छोटी-मोटी एफआईआर से भी काम बन जाएगा। या तो अरेस्ट, इस्तीफ़ा या भाजपा में शामिल हो जाओ। मोदी जी के ऊपर भी भ्रष्टाचारियों को शामिल करने का कलंक नहीं लगेगा।

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