
New Delhi : देश की राजधानी दिल्ली में नाबालिगों द्वारा किए जा रहे संगीन अपराधों के आंकड़ों ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. दिल्ली पुलिस के इस आंकड़े से मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सरकारी एजेंसियां भी परेशान है. इस साल जनवरी से अगस्त तक ही नाबालिगों के खिलाफ 101 हत्या, 92 बलात्कार सहित 1500 मामलों में दर्ज किए गए हैं. नाबालिगों में अपराधी बनने की लत पर कई विशेषज्ञों ने अपनी- अपनी राय दी है.
“नाबालिगों में जागरूकता की कमी”
दिल्ली पुलिस के एक पुर्व अधिकारी कहते हैं कि ‘हाल के वर्षों में नाबालिगों में अपराधों के बारे में जागरूकता की कमी, स्कूल छोड़ना, घर में सही देखरेख न होना, खराब घरेलू माहौल, गलत संगत और समाज में बुरे व्यवहार का असर जैसे कई कारण नाबालिगों को अपराध की ओर ले जा रहे हैं.’
एक्सपर्ट्स की चेतावनी
एक्सपर्ट्स कहते है कि छोटे-छोटे बच्चों में अपराध के तौर-तरीके कोरोना काल से बढ़ गए हैं. बच्चों को अकेला रहने की प्रवृति और संयुक्त परिवार प्रणाली का कमजोर होना बड़ी वजह है. दिल्ली जैसे शहरों में मां-बाप की व्यस्तता, तलाक, नौकरी-पेशा जैसे कई कारण हैं, जो बच्चों को सोशल मीडिया की तरफ लेकर जाता है. एक बार जब सोशल मीडिया का लत लग जाता है तो फिर वह छूटता नहीं है. पहले बच्चे संयुक्त परिवार में बड़े होते थे और बाहर खेलते थे. लेकिन अब बच्चे खेलने के समय भी मोबाइल देखते रहते हैं. जिससे भटकने की गुंजाइश ज्यादा होती है.
पुलिस ने जारी किया आंकड़ा
दरअसल, नई दिल्ली पुलिस ने नाबालिग बच्चों के अपराध को लेकर एक आंकड़ा जारी किया है, जो सबका ध्यान अपनी तरफ खीच रहा है. दिल्ली पुलिस का यह आंकड़ा सरकार के साथ-साथ कॉलेज, स्कूल और हर माता-पिता के चिंता का विषय है. देश की राजधानी दिल्ली में नाबालिगों द्वारा किए जा रहे संगीन अपराधों की एक लम्बी लिस्ट सामने आई है, जिसको सुनकर सुप्रीम कोर्ट के वकील, बड़े मनोचिकित्सक और पुलिस अधिकारी सब हैरान हैं.
राजधानी में कुल 13 नाबालिगों पर मामला दर्ज
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में ही राजधानी में कुल 13 नाबालिगों पर 4 गंभीर अपराधों में मुकदमा दर्ज किया है. उदाहरण के लिए रोहिणी के सरकारी स्कूल में एक लड़के के साथ यौन शोषण, शकरपुर और वजीराबाद में दो हत्याएं और हजरत निजामुद्दीन के पास एक टैक्सी ड्राइवर की नाबालिगों ने हत्या कर दी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस साल जनवरी से अगस्त के बीच नाबालिगों के पर कुल 92 रेप, 101 हत्या, 157 लूट और डकैती, 161 हत्या की कोशिश, 139 मारपीट और 460 चोरी व सेंधमारी के मामले दर्ज हुए हैं. जो मामले के गंम्भीरता को दर्शाता है.
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