
Chandigarh : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने अमेरिका में रहने वाले एक प्रवासी भारतीय (NRI) की लुधियाना स्थित 14 कनाल कीमती जमीन के फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी से बेचने और खरीदने के आरोप में 9 व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना के वकील गुरचरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने जमीन की फर्जी रजिस्ट्री में मुख्य भूमिका निभाई थी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए आज यहां विजिलेंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना रेंज द्वारा लुधियाना के वेरका-लाडूवाल बाइपास के पास स्थित गांव नूरपुर बेट में इस छह करोड़ रुपये से अधिक की कीमती जमीन की धोखाधड़ी से रजिस्ट्री करवाने के बारे में मिली खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए 21 फरवरी, 2025 को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय, तहसील पश्चिम, लुधियाना में अचानक जांच की गई। इस जांच में पता चला कि 11 फरवरी, 2025 को दीप सिंह (विक्रेता) और पंचकुला के दीपक गोयल (खरीदार) के बीच 30 लाख रुपये में एक बिक्री इकरानामा हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति ने स्वयं को दीप सिंह बताकर तहसील कार्यालय में पेश होकर इस जमीन की रजिस्ट्री करवाई, जबकि असली मालिक दीप सिंह अमेरिका में रह रहा है।
असली रजिस्ट्री दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया
उन्होंने आगे बताया कि अचानक जांच के दौरान असली रजिस्ट्री (बिक्री डीड) दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया गया और इसकी तस्दीक के दौरान धोखाधड़ी की पुष्टि हुई। इस बिक्री डीड को तहसीलदार पश्चिम लुधियाना, जगसीर सिंह सरां द्वारा नकली दीप सिंह की मौजूदगी में तस्दीक किया गया था। खरीदार दीपक गोयल की ओर से अमित गौड़ नामक एक व्यक्ति पेश हुआ और रजिस्ट्रेशन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रॉपर्टी डीलर रघबीर सिंह, वकील गुरचरण सिंह और नंबरदार बघेल सिंह समेत गवाहों ने नकली दीप सिंह की असली जमीन मालिक के रूप में पहचान की।
असली मालिक बचपन से ही परिवार समेत अमेरिका में रह रहा है
आगे की जांच से पता चला कि असली मालिक दीप सिंह, उम्र 55 साल, जन्म से ही अपने परिवार समेत अमेरिका में रह रहा है, जबकि इस फर्जी रजिस्ट्री करवाने वाले दीप सिंह ने एक फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया, जिसमें उसकी उम्र 39 साल (जन्म 1985) दर्शायी गई, जबकि असली दीप सिंह का जन्म 1971 में हुआ था।
राजस्व विभाग के कर्मियों द्वारा की गई लापरवाही
प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच में पाया गया है कि राजस्व विभाग के कर्मियों द्वारा भी इस मामले में गंभीर गलतियां और लापरवाहियां की गई हैं, जो इसमें शामिल लोगों के पिछले रिकॉर्ड की पुष्टि करने में असफल रहे। सबूतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की धारा 318(4), 319(2), 336(2), 336(3), 338, 340(2) और 61(2) के तहत आर्थिक अपराध शाखा में 27 फरवरी, 2025 को मुकदमा नंबर 4 दर्ज किया गया है और जांच विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना रेंज को सौंप दी गई है।
ये हैं आरोपी
आरोपियों में तहसीलदार जगसीर सिंह सरां, खरीदार दीपक गोयल, नंबरदार बघेल सिंह, रजिस्ट्री क्लर्क कृष्ण गोपाल, वकील गुरचरण सिंह, अमित गौड़, नकली दीप सिंह, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रॉपर्टी डीलर रघबीर सिंह शामिल हैं।
जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने वकील गुरचरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया, जिसने गवाह के रूप में दस्तखत किए थे और नकली दीप सिंह की असली दीप सिंह के रूप में पहचान की थी। उसे कल अदालत में पेश किया जाएगा। प्रवक्ता ने आगे कहा कि बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं।
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