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सीजफायर पर बवाल! क्या मोदी ने ट्रंप के दबाव में दी सेना को रोकने की कुर्बानी?

Modi Silence On Ceasefire : दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी ने सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावों पर सत्ता पक्ष ने भाजपा को जमकर घेरा. नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने करारा हमला बोलते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की धमकियों से डरकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सीजफायर कर दिया. जब भारत से पहले ट्रम्प ने ट्वीट कर सीजफायर की जानकारी दी तो मुझे भरोसा ही नहीं हुआ. लेकिन कुछ देर बाद ही हमारी सेना ने सीजफायर की पुष्टि कर दी. उन्होंने कहा कि भाजपा की कायरता की वजह से भारतीय सेना पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाई. क्या अमेरिका से व्यापार हमारी बहनों के सिंदूर से ज्यादा कीमती था कि मोदी जी ने सेना और देश को धोखा दिया?

22 अप्रैल: सिंदूर का बदला मांगता पहलगाम हमला

आतिशी ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 का दिन देश का कोई भी नागरिक नहीं भूल सकता. पहलगाम में हमने अपनी बहनों को बिलखते हुए देखा, बहनों ने अपने पतियों के जान की भीख मांगी, फिर भी निर्दयी आतंकवादियों ने निहत्थे लोगों की हत्या कर दी. इससे बर्बर और अमानवीय कुछ नहीं हो सकता. हमने हमेशा देखा है कि अलग-अलग मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष के विचारों में मतभेद होता है, लेकिन पहलगाम हमले के बाद देश में कोई पक्ष-विपक्ष नहीं था. पूरा देश एकजुट था और सबने एक आवाज में बोला कि हमें अपने बहनों के सिंदूर का बदला चाहिए.

सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर दिया करारा जवाब

आतिशी ने देश की सेना को सलाम करते हुए कहा कि सेना ने दिन-रात नहीं देखी. पाकिस्तान और आतंकवादियों में कोई अंतर नहीं है. पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण देता है. जब भारत की तरफ से पहला हमला हुआ और आतंकवादियों की मौत हुई तो पाकिस्तान के सारे बड़े अफसर और नेता आतंकवादियों के परिवारों के साथ दिखे. यह स्टेट स्पांसर टेररिज्म था. हमारी सभी सेनाओं ने एकजुट होकर पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकवादियों को मारा. पूरी दुनिया ने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी वायु, नौसेना का अपर हैंड था. हमारी सेना हमले पर हमला कर पाकिस्तान के एयर बेस और न्यूक्लियर प्लांट को नुकसान पहुंचाया जा रहा था.

सीजफायर पर सवाल: जब ट्रम्प के ट्वीट ने चौंका दिया पूरा देश

आतिशी ने कहा कि पूरे देश का मानना था कि अब यह जंग निर्णायक होनी चाहिए. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खत्म करना होगा. लेकिन एक दिन अचानक ट्वीटर पर एक दूसरे देश का राष्ट्रपति ट्वीट करके कहता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध खत्म हो गया और मैने यह सीज फायर करवाया है. जब मैने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रम्प का ट्वीट देखा तो पहले इसे फर्जी अकाउंट समझी. ऐसा कैसे हो सकता है कि भारत का हजारों साल का इतिहास है. हम पाकिस्तान को खत्म करने की स्थिति में थे. फिर डोनाल्ड ट्रम्प बीच में कैसे घुस गए? ट्रम्प के ट्वीट के कुछ देर बाद हमारी सेना सामने आकर सीजफायर की पुष्टि कर दी.

व्यापार बचाने के लिए सेना और देश को धोखा दिया गया: आतिशी

आतिशी ने कहा कि हमारी सेना पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को निर्णायक तौर पर खत्म कर सकती थी, भाजपा की कायरता की वजह से ऐसा नहीं हो पाया. पीएम नरेंद्र मोदी ट्रम्प की धमकियों से डर गए. ट्रम्प ने दुनिया भर में जाकर 25 बार कहा कि मैंने धमकी दी कि व्यापार बंद कर दूंगा. इसलिए भारत ने युद्ध छोड़ दिया. उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या अमेरिका से व्यापार की कीमत हमारी बहनों के सिंदूर से ज्यादा कीमती थी कि आपने उस व्यापार को बचाने के लिए सीजफायर कर दिया. पूरा देश भारतीय सेना के साथ खड़ा था. अगर कोई एक व्यक्ति हमारे देश की सेना के साथ खड़ा नहीं था, तो वो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. जिन्होंने सेना, देश और हमारी बहनों के सिंदूर को धोखा दिया. यही पीएम मोदी की सच्चाई है.

धर्म के नाम पर नफरत फैलाना आतंकियों की मदद करना है: संजीव झा

इस दौरान “आप” विधायक संजीव झा ने कहा कि यहां एक सदस्य ने बताया कि आतंकी हमले में मासूम लोगों को धर्म पूछकर मारा गया और नृशंस हत्याएं हुईं. लेकिन आतंकियों का इरादा नफरत फैलाने और देश में गृह युद्ध भड़काने का था. दुर्भाग्य यह है कि जिस तरह का काम आतंकी कर रहे थे, वही काम इस देश में बैठे कुछ गद्दार भी कर रहे थे. वे भी धर्म के नाम पर नफरत फैलाना चाहते थे, ताकि देश बंटे और आतंकियों के मंसूबे कामयाब हों. मुझे लगता है कि जो लोग बार-बार धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं, वे आतंकियों के इरादों को ही बढ़ावा देते हैं. मुझे अपनी सेना पर गर्व है. हमारी सेना ने जो कारनामा किया, उसे पूरी दुनिया ने देखा. अगर सेना को खुली छूट दी जाए, तो वह कराची तक पहुंचने का माद्दा रखती है.

वहीं, विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि सेना ने जिस तरह पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकियों को मारा, उस पर पूरा देश गर्व करता है. पहलगाम के आतंकी हमले में 26 निर्दाेष भाई (किसी के बेटे, पति, पिता) गोलियों से भून दिए गए. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. उस समय सत्ता पक्ष ने एक स्वर में कहा कि पाकिस्तान को उसकी कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. देश एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा था. हम पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर ठोक रहे थे, तब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर वापस लेने का मौका था. अगर उस समय युद्धविराम नहीं किया गया होता, तो हमारी सेना पीओके ले सकती है. उन्होंने पूछा कि जब सेना तैयार थी, देश तैयार था और हम पीओके ले सकते थे, तो युद्धविराम किसके कहने पर हुआ? देश की आजादी के बाद से स्पष्ट है कि कश्मीर और पाकिस्तान के मामले में हम किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को सहन नहीं करेंगे. फिर डोनाल्ड ट्रंप बार-बार क्यों कह रहे हैं कि उन्होंने युद्ध रुकवाया? प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे ताकतवर नेता हैं, तो वह क्यों नहीं कहते कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं?

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