Bihar: बीजेपी की सदस्यता नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए…

BJP Membership Process Change
BJP Membership Process Change: अब किसी भी अन्य दल के नेता को सीधे बीजेपी में एंट्री नहीं मिलेगी। इसके लिए पार्टी ने अब अलग से प्रावधान की तैयारी की है। पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के इच्छुक अन्य दल के नेताओं को अब स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। इसके बाद ही तय हो सकेगा कि वह पार्टी में शामिल हो सकते हैं या नहीं।
BJP Membership Process Change: बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी बीजेपी!
दरअसल लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में जेडीयू से अलग होने पर बीजेपी को सांसद पद के प्रत्याशियों की संख्या बढ़ानी है। चूंकि जेडीयू के साथ मिलकर बीजेपी ने पिछला चुनाव लड़ा था। इस कारण बिहार की कुछ लोकसभा सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी उतारे गए थे तो कुछ पर जेडीयू के। अब बीजेपी का जेडीयू से नाता टूट चुका है। ऐसे में पार्टी बिहार में अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
पांच सदस्यीय कमेटी करेगी स्क्रीनिंग
इसके लिए बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को अपने प्रत्याशी उतारने होंगे। सूत्रों की मानें तो अन्य पार्टियों के कुछ बड़े नेता और सांसद बीजेपी के संपर्क में हैं। अब इन नेताओं को बीजेपी में शामिल किया जाए या नहीं इसके लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी पहले इन नेताओं की स्क्रीनिंग करेगी। मसलन इनका राजनीतिक इतिहास और विगत पार्टी और निर्धारित क्षेत्र में इनकी लोकप्रियता आदि। वहीं पार्टी में आने पर ये नेता पार्टी के लिए कितने उपयोगी साबित होंगे यह भी आकलन किया जाएगा।
स्क्रीनिंग के बाद की जाएगी की अनुशंसा
यदि इस स्क्रीनिंग में ये नेता खरे उतरते हैं तो कमेटी पार्टी में शामिल करने के लिए इनकी अनुशंसा करेगी। इसके बाद ही इसके बारे में निर्णय लिया जाएगा। दरअसल समिति की बैठक छह जनवरी को है। उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बैठक में बीजेपी का दामन थामने के इच्छुक नेताओं के बारे में आकलन होगा। फिलहाल बीजेपी के पास जेडीयू से अलग होने पर 15 अतरिक्त लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की गुंजाइश है।
वफादार नेताओं को शामिल करने की वकालत
वहीं उम्मीद लगाई जा रही है कि कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू सहित अन्य दलों के साथ आने से कई नेता जो कि लोकसभा चुनाव टिकट पाने को प्रयासरत हैं उनका पत्ता कट सकता है। ऐसे में ये नेता बीजेपी से संपर्क कर सकते हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो उनका कहना है कि पार्टी में ऐसे नेताओं को ही शामिल करना चाहिए जो कि लंबे समय तक पार्टी के लिए वफादार बने रहें। जल्दीबाजी में कोई निर्णय न लिया जाए। सिर्फ पद की लालसा रखने वाले किसी बाहरी नेता को पार्टी में शामिल न किया जाए।
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