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- यूपी में मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ी
- कई जिलों में डुप्लीकेट नाम मिले
- आयोग ने जांच अभियान शुरू किया
- 108 ब्लॉकों में दोहराव पाए गए
- 50 लाख नाम हटने की संभावना
UP News : उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. राज्य निर्वाचन आयोग को कई जिलों में हजारों-लाखों ऐसे मतदाता मिले हैं, जिनके नाम एक ही सूची में दो या तीन बार दर्ज हैं.
सूत्रों के अनुसार,पीलीभीत, वाराणसी, बिजनौर और हापुड़ जिलों में मतदाता सूची में नामों के दोहराव के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. केवल पीलीभीत जिले के पूरनपुर ब्लॉक में ही करीब 97 हजार ऐसे मतदाता पाए गए हैं, जिनके नाम सूची में एक से अधिक बार दर्ज हैं. यानी एक ही व्यक्ति अलग-अलग वार्डों में मतदाता के रूप में दर्ज है.
डुप्लीकेट मतदाता हटाने का अभियान
आयोग ने माना है कि यह समस्या इतनी बड़ी है कि इसे ठीक करने के लिए एक गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR) चलाना आवश्यक होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने ब्लॉकवार डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची तैयार कर जिलाधिकारियों को भेज दी है, ताकि तुरंत सुधार प्रक्रिया शुरू की जा सके. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे घर-घर जाकर जांच करें और जिन नामों की पुनरावृत्ति है, उन्हें सूची से हटाएं.
40 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट मतदाता
आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 826 विकास खंडों में से 108 ब्लॉकों में 40 हजार से अधिक डुप्लीकेट मतदाता दर्ज हैं. इनमें सबसे अधिक नाम वाराणसी के आराजीलाइन ब्लॉक (77,947), गाजीपुर के सैदपुर (71,170), वाराणसी के पिंडरा (70,940) और जौनपुर के शाहगंज सोंधी (62,890) में पाए गए हैं. इन जिलों के अधिकारियों को विशेष निगरानी में रखा गया है.
50 लाख डुप्लीकेट नाम हटने की संभावना
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यदि सभी जिलों में गहन जांच की गई, तो मतदाता सूची से लगभग 50 लाख डुप्लीकेट नाम हटाए जा सकते हैं. उनका कहना है कि पहले भी ऐसे प्रयास किए गए थे, लेकिन इतने व्यापक स्तर पर जांच पहली बार की जा रही है. इस बार आयोग चाहता है कि पंचायत चुनाव से पहले ही मतदाता सूची पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाई जाए.
मतदाता सूची सत्यापन का आदेश
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में मतदाता सूची का शीघ्र सत्यापन कराएं. आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में डुप्लीकेट नाम चुनावी प्रक्रिया में बाधा नहीं बनने चाहिए. जिलाधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष टीम बनाएं, जो मतदाताओं की पहचान और उनके दस्तावेजों की दोबारा जांच करे. खंडवार और ब्लॉकवार रिपोर्ट तैयार कर आयोग को भेजने की अंतिम तारीख भी तय कर दी गई है.
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