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Batla House Encounter: दिल्ली HC ने आरोपी आरिज खान की मौत की सजा की कम

Batla House Encounter: दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 अक्टूबर, गुरुवार को 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर मामले के दोषी आरिज खान को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को कम कर दिया है। एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। हलांकि, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की बेंच ने आरोपी खान की दोषसिद्धि को बरकरार रखा लेकिन आंशिक रूप से सजा को कम करके आजीवन कारावास की सजा देकर उसकी अपील को स्वीकार कर लिया।

Batla House Encounter: ट्रायल कोर्ट से फांसी की सजा

मामले में मार्च 2021 में ट्रायल कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि उनका मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है, इसलिए अधिकतम मौत की सजा दी जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने खान और दिल्ली पुलिस के वकील को सुनने के बाद अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली पुलिस की एक टीम इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी को पकड़ने के लिए बाटला हाउस पर छापेमारी कर रही थी। इन आतंकवादियों पर एक सप्ताह पहले दिल्ली में कई स्थानों पर हुए ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप था। इन धमाकों में कम से कम 30 लोग मारे गए थे।

पुलिस के साथ हुई थी मुठभेड़

जब दिल्ली पुलिस की टीम बाटला हाउस पहुंची तो गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस टीम ड्राइंग-रूम में फंस गई और आत्मरक्षा में गोली चलाने के लिए मजबूर हो गई। गोलीबारी के दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा और अन्य पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। जबकि ड्राइंग रूम में मौजूद आतंकवादियों में से एक को भी गोली लगी, आरिज खान सहित उनमें से दो मुख्य आरोपी भागने में सफल रहे।

2018 में गिरफ्तार किया गया था आतंकी

मामले में 2009 में अपराधी घोषित होने के बाद आखिरकार 2018 में आरिज खान को गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बिना किसी उकसावे के पुलिस पार्टी पर गोलीबारी के क्रूर कृत्य से पता चलता है कि खान न केवल समाज के लिए खतरा था, बल्कि राज्य का दुश्मन भी था।

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