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Bihar: पूर्व विधायक अनंत सिंह को हाईकोर्ट से राहत, गैंगवार मामले में जमानत मंजूर

Anant Singh Got Bail : बिहार के मोकामा के पूर्व विधायक और प्रभावशाली नेता अनंत सिंह को पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत दी. सोनू-मोनू गैंग के साथ जनवरी 2025 में हुए हिंसक गैंगवार के बाद से जेल में बंद अनंत सिंह को इस मामले में जमानत मिल गई है. निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद वे जल्द ही बेउर जेल से रिहा हो सकते हैं. हालांकि, मंगलवार को उनके बाहर आने की संभावना कम बताई जा रही है. यह मामला मोकामा के नौरंगा जलालपुर में हुई गोलीबारी से जुड़ा है, जिसने क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी.


नौरंगा जलालपुर में हिंसक टकराव

22 जनवरी 2025 को मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर सोनू-मोनू गैंग ने हमला किया था. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से करीब 50-60 राउंड गोलियां चलीं. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें गोलियों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी. इस गोलीबारी में अनंत सिंह के समर्थक उदय यादव घायल हो गए, जो अभी भी पटना के एक अस्पताल में भर्ती हैं. अनंत सिंह ने दावा किया कि वे घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे और गोलीबारी खत्म होने के बाद ही वहां पहुंचे थे.


पैसे की लेन-देन से शुरू हुआ था विवाद

पुलिस जांच के मुताबिक, यह टकराव एक स्थानीय परिवार के साथ सोनू-मोनू गैंग के विवाद से शुरू हुआ. गैंग ने गांव के निवासी मुकेश सिंह को उनके घर से बेदखल कर ताला लगा दिया था, जिसका कारण पैसों का लेन-देन बताया गया. इस मामले की शिकायत जब अनंत सिंह तक पहुंची, तो उन्होंने दखल देने का फैसला किया. वे अपने समर्थकों के साथ गांव पहुंचे, जहां सोनू-मोनू गैंग ने उन पर हमला कर दिया. जवाब में अनंत सिंह के समर्थकों ने भी गोलियां चलाईं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.


अनंत सिंह का सरेंडर और कानूनी कार्रवाई

गोलीबारी के बाद अनंत सिंह ने 24 जनवरी 2025 को बाढ़ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. पुलिस ने उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट, सरकारी कार्य में बाधा, और अन्य धाराओं में चार एफआईआर दर्ज की थीं. इसके बाद उन्हें बेउर सेंट्रल जेल भेज दिया गया. इस मामले में सोनू सिंह को भी गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसका भाई मोनू सिंह अभी फरार है. पुलिस ने मोनू की तलाश में कई जगह छापेमारी की है, और अन्य फरार आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.


सोनू-मोनू गैंग और पुरानी रंजिश

सोनू और मोनू सिंह पहले अनंत सिंह के करीबी थे, लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान उनके रिश्ते बिगड़ गए. सूत्रों के अनुसार, सोनू-मोनू की बहन नौरंगा जलालपुर पंचायत से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उनकी उम्मीदवारी रद्द होने और अनंत सिंह के समर्थक गुड्डू सिंह से विवाद के बाद दोनों पक्षों में दुश्मनी बढ़ गई. यह गोलीबारी उसी पुरानी रंजिश का परिणाम मानी जा रही है. सोनू-मोनू गैंग के खिलाफ हत्या, अपहरण, और उगाही जैसे कई मामले पहले से दर्ज हैं.


पटना हाईकोर्ट का फैसला

निचली अदालत ने 6 फरवरी 2025 को अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उनके वकील ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की. 5 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई की और जमानत मंजूर कर ली. इस फैसले से अनंत सिंह के समर्थकों में उत्साह है, और माना जा रहा है कि उनकी रिहाई बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मोकामा की सियासत को प्रभावित कर सकती है.


मोकामा की सियासत पर असर

अनंत सिंह मोकामा में एक दमदार सियासी और सामाजिक प्रभाव रखते हैं. वे चार बार मोकामा से विधायक रह चुके हैं, और उनकी पत्नी नीलम देवी वर्तमान में राजद से विधायक हैं, हालांकि हाल ही में वे जद(यू) में शामिल हुई हैं. अनंत सिंह की रिहाई से मोकामा में सियासी समीकरण बदल सकते हैं, खासकर तब जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. उनके समर्थक इस फैसले को उनकी ताकत की वापसी के रूप में देख रहे हैं.


पुलिस की सतर्कता और जांच

पटना पुलिस ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है. रूरल एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि घटनास्थल से 16-17 खोखे बरामद किए गए हैं, और सात-आठ अन्य आरोपी अभी फरार हैं. पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें एक सोनू-मोनू की मां उर्मिला देवी की शिकायत पर भी है. क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है.


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