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PFI पर फुल बैन से भड़के AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी, एक्शन को बताया ‘संविधान विरोधी’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार (28 सितंबर) को कहा कि चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केंद्र द्वारा प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है और सरकार को यह समझना कि कुछ व्यक्ति जो अपराध करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

पीएफआई पर प्रतिबंध को कठोर कदम बताते हुए ओवैसी ने कहा कि यह यूएपीए कानून का दुरुपयोग है और लोकतंत्र और भारत के संविधान के लिए एक बड़ा झटका है।

ओवैसी सुप्रीम कोर्ट के उस बयान का हवाला देते हुए कि किसी संगठन को उसके कुछ सदस्यों के कार्यों के आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए, ओवैसी ने यूएपीए को एक क्रूर कानून कहा और कहा कि कानून के कारण कई मुस्लिम व्यक्तियों को प्रताड़ित किया गया और जेल में डाल दिया गया।

ओवैसी का बयान चरमपंथी संगठन पीएफआई पर केंद्र की भारी कार्रवाई के बाद आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहयोग से 100 से अधिक पीएफआई स्थानों पर छापेमारी की और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए पीएफआई और उससे संबद्ध संगठनों के 247 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रवक्ता रचना रेड्डी ने पीएफआई प्रतिबंध के खिलाफ बोलने के लिए ओवैसी की खिंचाई की और कहा कि उनका बयान उनके पाखंड को दर्शाता है।

रचना रेड्डी ने कहा, “ओवैसी का पीएफआई प्रतिबंध का विरोध करना पाखंड है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। ओवैसी हमेशा सोचते हैं कि यह एक धर्म के कारण है यह कभी एक धर्म के कारण या किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।”

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