CJI Surya Kant : जस्टिस सूर्यकांत ने आज (24 नंवबर) को भारत के 53वें CJI के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान राजनाथ सिंह समेत केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। शपथ के साथ ही CJI सूर्यकांत देश के सबसे ऊंचे ज्यूडिशियल ऑफिस में 15 महीने के कार्यकाल की शुरुआत आज से हो गई है।
हरियाणा में हुआ CJI सूर्यकांत का जन्म
सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गांव में हुआ। वे मिडिल क्लास परिवार से हैं। उन्होंने पहली बार शहर तब देखा जब कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए हिसार के हांसी कस्बे में गए थे।
उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ की यात्रा शुरू की और फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। इस दौरान उन्होंने कई तरह के संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और यहां तक कि खुद हाई कोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत जी के शपथ ग्रहण समारोह में भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के चीफ जस्टिस उनके साथ आए परिवार के सदस्य भी शामिल हुए, जो एक ऐतिहासिक पल है।
AMU के फैसले पर पुनर्विचार का रास्ता
न्यायमूर्ति सूर्यकांत उन सात न्यायाधीशों की पीठ में भी थे, जिसने 1967 के एएमयू के फैसले को खारिज कर दिया था, जिससे उसके अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का रास्ता खुल गया था। वह उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने कुछ लोगों की निगरानी के लिए इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के कथित उपयोग की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी।
बता दें कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत बिहार मतदाता सूची (Bihar Voter List) के गहन रिव्यू, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा Article 370 जैसे कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। बीआर गवई के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है।
OROP योजना को बरकरार रखा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने रक्षा बलों के लिए वन रैंक-वन पेंशन (OROP) योजना को भी बरकरार रखा था और इसे संवैधानिक रूप से वैध बताया तथा सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन में समानता का अनुरोध करने वाली महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी।
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