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पंजाब सरकार ‘डिजिटल निजी डाटा सुरक्षा एक्ट’ के अंतर्गत नागरिकों के डाटा की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध : वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा

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  • हरपाल सिंह चीमा ने भाजपा पर डाटा चोरी का आरोप लगाया
  • बिना अनुमति निजी डाटा इकट्ठा करना गैरकानूनी है
  • भाजपा पर लोकतंत्र कमजोर करने का आरोप है
  • पंजाब सरकार ने डाटा सुरक्षा का संकल्प जताया
  • भाजपा को फंड जारी करवाने की चुनौती दी

Punjab News : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की “दा डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023” के तहत अपने नागरिकों के निजी डाटा की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों सहित किसी भी निजी व्यक्ति को किसी भी बहाने से जनता से निजी डाटा इकट्ठा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वित्त मंत्री चीमा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या भाजपा कैंपों के जरिए डाटा इकट्ठा करने के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी धोखाधड़ी की जिम्मेदारी लेगी.

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और ठगी का आरोप

पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 2014 में केंद्र में सरकार बनाने के बाद भाजपा पर “वोट चोर पार्टी” बनने का आरोप लगाया, उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव से लेकर बिहार चुनावों में मतदाता अनियमितताओं तक चुनावी हेरफेर की कई घटनाओं का हवाला दिया. वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि पंजाब में भाजपा के कैंप डाटा इकट्ठा करके मतदाता सूचियों में हेरफेर करने और बेखबर नागरिकों के बैंक खातों से पैसे चुराने की साजिश हैं.

बिना अनुमति निजी डाटा इकट्ठा करना गैरकानूनी

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जोर देते हुए कहा कि डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट नागरिकों के डाटा की सुरक्षा के लिए लागू किया गया था, और एक्ट यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी निजी व्यक्ति सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना निजी जानकारी इकट्ठा नहीं कर सकता, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा द्वारा इन कैंपों के दौरान आधार और वोटर कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को इकट्ठा करना गैरकानूनी है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

भाजपा पर लोकतंत्र कमजोर करने का आरोप

वित्त मंत्री ने दोहराया कि भाजपा द्वारा लोकतंत्र को कमजोर करने और बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा बनाए गए भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिशों के बारे में सभी जानते हैं, उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में हेराफेरी के पिछले मामलों का भी उल्लेख किया, जिन्हें “आप” संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बार-बार चुनाव आयोग के ध्यान में लाया था, और भारतीय संसद में “आप” के सांसदों ने भी इन्हें उठाया था.

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार सभी सरकारी योजनाओं के लाभ अपने लोगों तक पहुँचाने के लिए समर्पित है, उन्होंने कहा कि लगभग 500 नागरिक सेवाएँ लोगों के घर-द्वार पर प्रदान की जा रही हैं, और राज्यभर में सेवा केंद्रों का विशाल नेटवर्क लोगों को नागरिक केंद्रित सेवाओं तक पहुँचने में मदद कर रहा है.

भाजपा को राज्यहित में काम करने की सलाह

पंजाब के भाजपा नेताओं को सीधे संदेश देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उन्हें चुनौती दी कि यदि वे सचमुच राज्य का भला करने का इरादा रखते हैं, तो वे जीएसटी मुआवजे के 50,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास फंड के 8,000 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 1,000 करोड़ रुपये जारी करवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालें, उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग, जिन्होंने तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की, भाजपा की चालों से भली-भांति परिचित हैं.

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