
फटाफट पढ़ें
- उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी वर्षगांठ से पहले आई
- बोले- कल कुछ नहीं होगा
- राज्य की बहाली की मांग तेज
- संसद सत्र से आशा जताई
- दिल्ली में बैठक से इनकार किया
Jammu and Kashmir : उमर अब्दुल्ला की यह टिप्पणी अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की छठी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर आई है, जब जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ रहीं है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उन्हें मौजूदा संसद सत्र के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के लिए “कुछ सकारात्मक” होने की उम्मीद है, लेकिन कल नहीं. उनकी यह टिप्पणी अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की छठी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की बढ़ती मांग के बीच आई है.
दिल्ली में कोई बैठक नहीं : सीएम
हालांकि, सीएम अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में लोगों के साथ उनकी कोई बैठक या बातचीत नहीं हुई तथा उनका बयान उनकी “अंतर्ज्ञान” पर आधारित है.
दिल्ली में बैठक से इनकार किया
मुख्यमंत्री ने कहा जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है, इसके बारे में हर संभव संयोजन सुना है, इसलिए मैं अपनी गर्दन बाहर निकालकर कहता हूँ कि कुछ नहीं होगा, सौभाग्य से कुछ भी बुरा नहीं होगा, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ भी सकारात्मक नहीं होगा. मैं अभी भी संसद के इस मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सकारात्मक होने को लेकर आशावादी हूँ. मैंने दिल्ली में लोगों के साथ कोई बैठक या बातचीत नहीं की है. यह सिर्फ एक आंतरिक भावना है.
मोदी-शाह की मुलाकात के बाद चर्चाएं तेज
इस पोस्ट को मुख्यमंत्री द्वारा जम्मू-कश्मीर के नए पुनर्गठन के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों पर विराम लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इनमें से कई पोस्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात की थी.
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