
फटाफट पढ़ें
- प्रयागराज: किला घाट से झूंसी तक जलमग्न
- 17 जिले बाढ़ की चपेट में, सबसे प्रभावित प्रयागराज
- बेला कछार, राजापुर समेत कई इलाके डूबे
- बड़े हनुमानजी और शंकर विमान मंडप डूबे
- प्रशासन अलर्ट, लोग ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट
Prayagraj Flood : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बाढ़ का ऐसा कहर बरपा है कि अब गंगा और यमुना में फर्क कर पाना मुश्किल हो गया हैं. किला घाट से लेकर झूसी तक सब जलमग्र हो गया है. दोनों नदियां खतरे की घंटी बजा रही हैं.
देशभर में मॉनसून की दस्तक ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है. यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश और इस बारिश से बढ़े नदियों के जलस्तर ने कई शहरों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. संगम नगरी प्रयागराज के पहचान वाले कई इलाके बाढ़ में डूब चुके हैं तो वहीं वाराणसी समेत कई शहरों में नदियां उफान पर है.
17 जिले बाढ़ की चपेट में सबसे प्रभावित प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. जिनमें 16 जिले गंगा-यमुना के कहर से जूझ रहे है. प्रयागराज से बलिया तक गंगा के किनारे के इलाके जलमग्र हो गए हैं. प्रयागराज के सलोरी, राजापुर, दारागंज, बघाड़ा जैसे क्षेत्र पूरी तरह डूब गए हैं. मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और बलिया में भी हालात खराब है, लेकिन सबसे ज्यादा असर प्रयागराज में देखने को मिला है. संगम नगरी में, जहां सात महीने पहले पैर रखने की जगह नहीं थी, आज वहां अब सिर्फ पानी है. पूरा संगम क्षेत्र अब विशाल समंदर जैसा दिख रहा है.
बेला कछार, राजापुर समेत कई इलाके डूबे
प्रयागराज में गंगा-यमुना संगम के बाद के इलाकों में हालात और भी ज्यादा बिगड़ गए हैं. संगम के बाद जब गंगा आगे बढ़ती है तो उसमें यमुना का पानी भी शामिल हो चुका होता है और इन दिनों यमुना में मध्य प्रदेश और राजस्थान का भी पानी है. मिर्जापुर से बलिया तक गंगा की लहरें डरा रही हैं. प्रशासन अलर्ट मोड पर है, लोगों को सावधान रहने को कहा गया है.
बड़े हनुमानजी और शंकर विमान मंडप डूबे
प्रयागराज में बाढ़ ने ऐसा रूप लिया है कि गंगा-यमुना का फर्क करना मुश्किल हो गया हैं. किला घाट से झुंसी तक सब जलमग्र है. सबसे ज्यादा असर गंगा के तराई वाले इलाकों- बेला कछार, राजापुर, तेलियरगंज, सोनौटी और बघाड़ा में हैं. प्रयागराज के बड़े हनुमानजी जल में डूब चुके हैं. अब सिर्फ मंदिर की धर्मध्वजा ही दिखाई पड़ती है. संगम तट पर ही बने शंकर विमान मंडप भी गंगा की लहरों से अछूता नहीं.
लोग ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट
प्रयागराज में गंगा के किनारे बसे कई इलाकों में सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. खाने पीने की चीजें या तो पानी में बह गई हैं या खराब हो गई. कर्जन पुल और शंकर घाट के आसपास के कई घर पूरी तरह से डूब गए हैं. जिनके घर एक या दो मंजिला हैं वे सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए हैं, जबकि बहुमंजिला घरों वाले ऊपरी मंजिलों पर शरण लिए हुए हैं.
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