
फटाफट पढ़ें
- 17 साल बाद मालेगांव केस में फैसला आया
- सभी आरोपी कोर्ट से बरी हुए
- धमाके में 6 की मौत, 100 घायल हुए थे
- पीड़ितों को मुआवज़ा देने का आदेश
- 31 जुलाई 2025 को कोर्ट ने फैसला सुनाया
Malegaon Blast Case Verdict : मालेगांव विस्फोट केस में 17 साल बाद NIA कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. कोर्ट ने आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी को बरी कर दिया है. इस हमले में 6 लोगों की मौत हुई थी.
महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम धमाके के मामले में NIA की विशेष अदालत ने 17 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस केस में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सात लोगों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट के पीड़ितों मृतकों के परिवार को दो लाख देने के भी आदेश दिए हैं. घायलों को 50 हजार रुपये देने को कहा है.
धमाके में 6 की मौत, 100 घायल हुए थे
बता दें कि यह धमाका रमजान के पवित्र महीने और नवरात्रि से ठीक पहले 29 सितंबर 2008 को हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे. अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की तरफ से सुनवाई और अंतिम दलीलें पूरी करने के बाद 19 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. एक लाख से अधिक पन्नों के सबूत और दस्तावेज होने के कारण फैसला सुनाने के लिए कोर्ट के द्वारा इतना समय लिया गया था.
31 जुलाई 2025 को कोर्ट ने फैसला सुनाया
इस मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र एटीएस करती है, लेकिन साल 2011 में जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी जाती है. करीब पांच साल की जांच के बाद 2016 में NIA एक चार्जशीट दाखिल करती है, जिसमें अपर्याप्त सबूतों के आधार पर कुछ आरोपियों को राहत दी जाती है. लंबी सुनवाई और कई गवाहों के बयानों के बाद 19 अप्रैल 2025 को अदालत अंतिम दलीलें पूरी कर लेती है और फैसला सुरक्षित रखती है. आज यानी 31 जुलाई 2025 को विशेष एनआईए कोर्ट इस चर्चित मामले में फैसला सुनाती है.
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