दो दिवसीय दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुजरात के लिए रवाना, भुज एयरबेस का करेंगे दौरा

दो दिवसीय दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
Rajnath Singh Gujarat Visit : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बादामी बाग कैंट का दौरे करने के बाद आज (16 मई) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) गुजरात के भुज एयरबेस के लिए रवाना हुए हैं श्रीनगर में अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई थी. जिसमें उन्होंने कहा कि अब भारत आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. पाकिस्तान की बार-बार दी गई परमाणु धमकियों से भारत डरने वाला नहीं है.
पाक को दिया कड़ा संदेश – Rajnath Singh
दरअसल बादामी बाग कैंट में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को ऑपरेशन सिंदूर ने एक कड़ा जवाब दिया है. जिसके बाद अब वह कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. अपनी बात को आगे रखते हुए उन्होंने भारतीय सेना के आत्मविश्वास, साहस और दृढ़ता की सरहाना करते हुए कहा कि “दुनिया को हमारी सेना ने दिखा दिया कि उनका निशाना कितना सटीक है और गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है.”
राजनाथ सिंह Rajnath Singh ने कहा, “मैं दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं क्या परमाणु हथियार ऐसे गैर जिम्मेदार हाथों में सुरक्षित हैं? जबकि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अपनी निगरानी में लें.”
आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं – Rajnath Singh
हालांकि राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने एक बार फिर से दोहराया कि सीमा पार से कभी अनुचित कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, यह दोनों देशों के बीच सहमति का आधार है. जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को रखते हुए कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ कभी नहीं चल सकते, अगर अब बातचीत होगी, तो सिर्फ आतंकवाद और पीओके को लेकर ही होगी.
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बता दें कि रक्षा मंत्री Rajnath Singhने पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों के साथ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. घायल सैनिको की साहस की सराहना करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. वहीं इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे.