
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में मची भगदड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने जनहित याचिका दायर की है। पीआईएल में कोर्ट से ये मांग की गई है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान प्रदान किया जाए।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार रात भगदड़ मच गई थी। बुधवार रात घटी इस घटना में तीस लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोग घायल हो गए। भगदड की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
अधिकतम स्थान प्रदान किया जाए
महाकुंभ में भीड़ को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश नीति और नियम बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। वकील द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यह सुनिश्चित की जाए कि वीआईपी आवाजाही से आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। वहीं महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान प्रदान किया जाए।
कार्रवाई करने की मांग की
इस जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 29 जनवरी को हुई महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देने की भी मांग की गई। इस भगदड़ के लिए जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
स्थगित करने का अनुरोध किया
बता दे कि मौनी अमावस्या के मौके पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ बढ़ गई थी। भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग सो रहे श्रद्धालुओं पर बैरिकेडिंग तोड़कर चढ़ गए। घटना लगातार भीड़ बढ़ने के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अपने अनुष्ठान स्नान को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया।
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