Kaisarganj: कटेगा बृजभूषण का पत्ता, कैसरगंज से करण बनेंगे बीजेपी के ‘अर्जुन’!

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Kaisarganj latest News: कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कौन होगा इस बात से अभी पार्टी ने पर्दा नहीं उठाया है. वहीं सपा ने भी इस सीट को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि बसपा ने यहां ब्राह्मण कार्ड चलते हुए नरेंद्र पांडेय को उम्मीदवार बनाया है.
सूत्रों की मानें तो इस बार बृजभूषण शरण सिंह का पत्ता कट सकता है. वहीं सूत्रों की मानें तो पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार कैसरगंज लोकसभा सीट से उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह को टिकट देगी. बस इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है. बताया गया कि नामांकन के लिए करण ने लोकसभा कैसरगंज से चार सेट फार्म भी खरीदे हैं. कहीं-कहीं बृज भूषण शरण सिंह की पत्नी को इस सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ाने की सुगबुगाहट है.
बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के बड़े बेटे प्रतीक बीजेपी से विधायक हैं. दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगने के बाद बीजेपी उन्हें टिकट देने से बच रही है.
बृजभूषण सिंह के दबे तौर पर बगावती तेवरों के बाद यह सीट अब बीजेपी के लिए माथापच्ची का विषय बन गई थी. दरअसल उन्होंने संकेत दिया था यदि उन्हें पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिला तो वे अन्य विकल्प तलाशेंगे. गोंडा में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा था कि टिकट के फैसले में देरी क्यों हो रही है तो उन्होंने मीडिया पर ही इसका ठीकरा फोड़ते हुए कहा था कि ये सब आपकी वजह से है. उन्होंने कहा था, ‘ये मेरी चिंता है, न कि आपकी…’
ईद के मौके पर मुस्लिम नेताओं से उनकी मुलाकात और इसके बाद धर्म की राजनीति पर विश्वास न करने की बात से उन्होंने संकेत देने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को उनके त्योहारों पर बधाई देना और उनसे मिलना कोई अपराध नहीं है. उन्होंने हर पार्टी से अपने अच्छे संबंध की बात करते हुए कहा था कि मुलायम सिंह यादव से मेरे संबंध सौहार्दपूर्ण रहे हैं.
वे बिना टिकट कन्फर्म हुए कैसरंगज में प्रचार करते भी नजर आए. इस पर उनके ऊपर आदर्श आचार संहिता के उल्लघन के आरोप लगे. रिपोर्ट दर्ज की गई। बता दें कि कैसरगंज में 20 मई को मतदान होगा. कल यानि तीन मई को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है.
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